लखनऊ: काफी लंबे समय से उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में फ़ेरबदल होने के कयास लगाए जा रहे हैं। अब उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले योगी मंत्रिमंडल के विस्तार की खबरों ने तूल पकड़ लिया है। दरअसल आज उत्तर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और संगठन महामंत्री सुनील बंसल दिल्ली पहुंचें हैं। आज वह भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात करेंगे। जिसके बाद से ही यह अनुमान लगाया जा रहा है कि जल्द ही योगी सरकार अपने मंत्रिमंडल में विस्तार करेगी। मालूम हो कि इसी हफ्ते चार नए विधान परिषद के सदस्यों का मनोनयन भी किया जाना है।
सूत्रों की माने तो इस महीने के अंत तक योगी सरकार के अपने मंत्रिमंडल में विस्तार करना तय है। उत्तर प्रदेश भाजपा के मंत्रिमंडल में विस्तार के दौरान बड़ी फ़ेरबदल किए जाने की खबर है। बताया जा रहा है कि इस दौरान कई मंत्रियों के विभाग और पद बदले जाएंगे। इसके माध्यम से राज्य में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सरकार की छवि को बदलने की कोशिश की जाएगी। यही नहीं मंत्रिमंडल विस्तार के दौरान कई मंत्रियों को बाहर का रास्ता भी दिखाया जा सकता है। जानकारी यह भी है कि योगी मंत्रिमंडल के विस्तार के दौरान क्षेत्रीय और जातीय समीकरण साधने का भी प्रयास किया जाएगा। इसलिए अनुमान लगाया जा रहा है कि मंत्रिमंडल में कई नए चेहरों को शामिल किया जाएगा। फिलहाल स्वतंत्र देव सिंह और सुनील बंसल जेपी नड्डा से मिलकर 4 एमएलसी को मनोनीत किए जाने पर भी चर्चा कर सकते हैं। कुछ समय पहले भी जेपी नड्डा ने लखनऊ में भाजपा कार्यसमिति की बैठक को संबोधित किया था। इस बैठक में केंद्रीय नेतृत्व के भी कई नेताओं ने शिरकत की थी। इसके अतिरिक्त लखनऊ में ही आरएसएस और भाजपा की बैठक भी हुई थी। इस बैठक में स्वयं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शामिल हुए थे। इस मीटिंग में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर बातचीत हुई थी। बहरहाल लंबे समय से योगी मंत्रिमंडल में बदलाव को लेकर चर्चा चल रही थी और अब ऐसा लग रहा है कि जल्द ही यह विस्तार होना है।
हालांकि जब बीते दिनों योगी मंत्रिमंडल विस्तार की खबरें सामने आईं थीं तो उत्तर प्रदेश भाजपा ने इन खबरों को नकार दिया था। जिसके बाद विस्तार संबंधी सभी अटकलों पर विराम लग गया था। अब एक बार फिर मंत्रिमंडल में विस्तार की खबरें सामने आ रही हैं। बता दें कि उत्तर प्रदेश में अगले साल मार्च-अप्रैल में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में सभी राजनीतिक दल चुनाव लड़ने की रणनीति बना रहे हैं। ऐसे में कोई दल गठबंधन बना रहा है तो कोई अकेले ही चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर रहा है।