नई दिल्ली: इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) और योग गुरु रामदेव के बीच बहस जारी है। बता दें रामदेव ने कुछ दिनों पहले एलोपैथी दवाइयों की आलोचना करते हुए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन से 25 सवाल करते हुए ट्वीट किया था। जिसके संदर्भ में IMA ने रामदेव को 15 दिनों के अंदर माफी मांगने अन्यथा 1000 करोड़ रुपये का मुआवजा देने का नोटिस जारी किया था।
IMA ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से कोरोना वैक्सीनेशन पर अनुचित सूचना अभियान का नेतृत्व करने के आरोप के तहत रामदेव के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज करने की मांग की थी। IMA का आरोप है कि योग गुरु का दावा है कि कोरोना वैक्सीनेशन के अतिरिक्त भी 10 हज़ार डॉक्टरों की मौत हुई है जो की झूठ है। इसके साथ ही डॉक्टरों का भी कहना है कि लोगों तक वैक्सीन न पहुंचने के लिए जानबूझकर इस तरह के कदम उठाए जा रहे हैं जिसे रोकना अत्यावश्यक है। IMA के अध्यक्ष (उत्तराखंड) अजय खन्ना के अनुसार योग गुरु रामदेव के पास ठोस ज्ञान नहीं है और वो केवल बयानबाजी कर रहे हैं। IMA द्वारा भेजे गए नोटिस के अनुसार रामदेव को 15 दिनों के अंदर माफी मांगनी थी और ऐसा न करने पर उन्हें 1000 करोड़ रुपये का मुआवजा देना होगा।
इसी बीच सोशल मीडिया पर नेटिज़न्स #ArrestRamdev तेज़ी से ट्रेंड करने लगे। इसके साथ ही रामदेव ने कहा- ‘खैर, गिरफ्तार तो उनका बाप भी नहीं कर सकता रामदेव को।’
हालांकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने जब कड़े शब्दों में रामदेव को पत्र भेजकर उनके बयान को अनुचित बताया तो रामदेव को एलोपैथिक दवा पर अपने बयान को वापस लेना पड़ा। रामदेव ने मंत्री हर्षवर्धन को पत्र लिखकर कहा कि वे एलोपैथी के खिलाफ नहीं है और वह मानते है कि एलोपैथी ने जीवन रक्षक प्रणाली में खूब उन्नति की है। उनके बयान को व्हाट्सएप सन्देश की तरह उद्धृत किया गया है। उन्हें इस बात का खेद है और वह किसी की भावना को आहत नहीं करना चाहते थे।