नई दिल्ली: केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि देश भर में आयोजित हो रहे हुनर हाट में ‘विश्वकर्मा वाटिका’ में देश के शिल्पकारों, मूर्तिकारों, संगतराशों, लोहार, बढ़ई, माटी कला, स्वर्ण-कांस्य, कांच, ब्रास कला आदि जैसे सैंकड़ों परंपरागत कार्यों से लोग जीवंत रूबरू होंगे। पहली विश्वकर्मा वाटिका 16 अक्टूबर से उत्तर प्रदेश के रामपुर हुनर हाट में लगायी गई है।
नकवी ने गुरुवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्वकर्मा जयंती पर ‘मन की बात’ में कहा था कि “जो सृष्टि और निर्माण से जुड़े सभी कर्म करता है वह विश्वकर्मा है| हमारे शास्त्रों की नजर में हमारे आस-पास निर्माण और सृजन में जुटे जितने भी स्किल्ड, हुनरमंद लोग हैं, वे भगवान विश्वकर्मा की विरासत हैं। इनके बिना हम अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते।”
उन्होंने कहा कि मोदी ने कहा था, “आप अपने आस-पास देखिए, लोहे का काम करने वाले हों, मिट्टी के बर्तन बनाने वाले हों, लकड़ी का सामान बनाने वाले हों, बिजली का काम करने वाले हों, घरों में पेंट करने वाले हों, सफाईकर्मी हों, या फिर मोबाइल फोन-लैपटॉप रिपेयर करने वाले, ये सभी साथी अपनी स्किल की वजह से ही जाने जाते हैं। आधुनिक स्वरूप में ये भी विश्वकर्मा ही हैं।”
नकवी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा था, “ लेकिन गुलामी के लंबे कालखंड में हुनर को इस तरह का सम्मान देने वाली भावना धीरे-धीरे विस्मृत हो गई। सोच कुछ ऐसी बन गई कि हुनर आधारित कार्यों को छोटा समझा जाने लगा और अब आज देखिए, पूरी दुनिया सबसे ज्यादा हुनर यानी स्किल पर ही बल दे रही है। हमें हुनर को सम्मान देना होगा, हुनरमंद होने के लिए मेहनत करनी होगी | हुनरमंद होने का गर्व होना चाहिए।”
नकवी ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के तहत देश भर में आयोजित होने जा रहे 75 ‘हुनर हाटों’ की श्रृंखला में रामपुर में 16 से 25 अक्टूबर तक आयोजित हो रहे हुनर हाट का उद्घाटन 16 अक्टूबर को केंद्रीय शिक्षा और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान करेंगे। इस अवसर पर श्री नकवी एवं केंद्रीय संसदीय कार्य एवं संस्कृति राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे।