बिहार की विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के मुखिया मुकेश साहनी (Mukesh Sahni) ने आज भाजपा (BJP) पर पलटवार करते हुए कहा कि मैं ‘सन ऑफ मल्लाह’ (Son of Mallah) हूं, मैं अपने लोगों के अधिकार के लिए लड़ाई जारी रखूँगा। मेरी कोई गलती नहीं है, इसलिए मैं किसी के सामने सर नहीं झुका सकता। साहनी ने कहा की मैंने अपने मल्लाह समाज के लिए आरक्षण मांगा है, सभी जगह मेरे समाज को आरक्षण मिला है, फिर बिहार में क्यों नहीं मिला।
वीआईपी प्रमुख (VIP Chief) अपने संघर्ष के दिनों को याद करते हुए भावुक हो गए और कहा कि मैं 30 रुपया प्रतिदिन पर मजदूरी करते हुए आगे बढ़ा हूँ। मुंबई की सड़कों पर रात बितायी है। इस संघर्ष के बाद बिहार आकर मेरे लगातार विकास करने से लोगों को समस्या हो रही थी।
मुकेश साहनी ने उनकी पार्टी छोड़ कर जाने वाले तीनो विधायकों को शुभकामनाएं भी दी। साहनी ने कहा की बिहार भाजपा अध्यक्ष संजय जायसवाल (Sanjay Jaysawal) ने बहुत झूठ बोला है, जो डील हुई थी। वह मेरे और गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) जी के बीच हुई थी। संजय जायसवाल कमरे के बाहर भी खड़े नहीं हो सकते थे, तो फिर उन्हें क्या मालूम की मेरे और अमित शाह के बीच क्या बात हुई।
मुकेश साहनी की पार्टी बिहार में एनडीए का हिस्सा है और साहनी खुद बिहार सरकार में मंत्री हैं लेकिन बीते शाम, मुकेश साहनी को उस समय बड़ा झटका लगा था जब VIP के तीनों विधायक, भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए थे। तीनो विधायकों ने बिहार विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष पेश होकर बीजेपी में शामिल होने का पत्र दिया। VIP के इन तीनों विधायकों के भाजपा में शामिल होने से बिहार विधान सभा में भाजपा विधायकों की संख्या 77 हो गई और अब वो सबसे बड़ी पार्टी हो गई है। जबकि लालू यादव (Lalu Yadav) की राष्ट्रीय जनता दल (RJD) 75 विधयकों के साथ दूसरे नंबर पर खिसक गई।
भाजपा कुछ दिनों से मुकेश साहनी से नाराज़ बताई जा रही थी। पहले उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में साहनी ने अपने उम्मीदवार उतार दिए थे उसके बाद बिहार विधान परिषद की 24 सीटों के चुनाव के लिए भी वीआईपी के उम्मीदवारों की घोषणा कर दी थी। बिहार विधानपरिषद चुनाव में बीजेपी ने 12 सीटों के लिए जबकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जेडीयू (JDU) ने 11 सीटों पर प्रत्याशी खड़े किए हैं। साहनी को एक भी सीट नहीं दी गई थी।
इसके इलावा बिहार बिहार की बोचहा विधान सभा के लिए होने वाले उप चुनाव में भी भाजपा ने मुकेश साहनी को सीट न दे कर खुद अपना प्रत्याशी खड़ा कर दिया था। जिसके बाद साहनी ने भी अपना उम्मीदवार उतार कर भाजपा से आरपार की लड़ाई ले ली थी। जिसका नतीजा कल बिहार में राजनितिक उठापटक के तौर पर देखने को मिला।