नई दिल्ली: केंद्र सरकार और ट्विटर के बीच का वाद-विवाद बढ़ता ही जा रहा है। अब केंद्र सरकार ने ट्विटर को एक आखिरी नोटिस भेजा है। नोटिस में ट्विटर को चेतावनी दी गई है कि वह भारत सरकार द्वारा निर्धारित किये गए नियम माने अन्यथा वह परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहे। बता दें कि ट्विटर ने उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू का ट्विटर अकाउंट अनवेरीफाईड कर दिया था जिससे आईटी मंत्रालय काफी नाराज हुआ। हालांकि कुछ घंटों बाद ही ट्विटर ने उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू का अकाउंट दोबारा वेरीफाई कर दिया।
केंद्र सरकार ने 25 फरवरी को नए आईटी नियमों की घोषणा की थी। जिसके तहत किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के यदि 50 लाख से अधिक उपयोगकर्ता होंगे तो उन प्लेटफॉर्म को भारत में शिकायत अधिकारी की नियुक्ति करनी होगी। बता दें कि भारत सरकार ने फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप, टेलीग्राम और ट्विटर समेत कई ऐप्स को इसके लिए 25 मई तक का समय दिया था। इस संदर्भ में ट्विटर ने कोताही बरती जिसके बाद आईटी मंत्रालय ने ट्विटर को नोटिस भेजा।
हालांकि ट्विटर ने 28 मई को दिल्ली उच्च न्यायालय में कहा कि उसने शिकायत अधिकारी की नियुक्ति कर दी है लेकिन केंद्र उससे संतुष्ट नहीं है। इसी कारणवश ट्विटर को केंद्र की ओर से 28 मई और 2 जून को भी नोटिस भेजा गया था। लेकिन ट्विटर ने नोटिस को गंभीरता से लेने के स्थान पर शनिवार को देश के उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू का निजी ट्विटर हैंडल अनवेरीफाईड कर दिया। हालांकि कुछ घंटे बाद ही ट्विटर ने उनका अकाउंट दोबारा वेरीफाई कर दिया था। इसके साथ ही ट्विटर ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत समेत संघ के कई अधिकारियों के अकाउंट से ब्लू टिक हटा लिए हैं। ट्विटर के इस व्यवहार को देखकर उसे आज आईटी मंत्रालय की ओर से अंतिम चेतावनी देते हुए फिर से नोटिस भेजा गया है।
आईटी मंत्रालय की ओर से ट्विटर को भेजे गए नोटिस में लिखा है कि सरकार ट्विटर के जवाब से संतुष्ट नहीं है। शिकायत अधिकारी और नोडल अधिकारी के रूप में जिन लोगों की नियुक्ति की गई है वे ट्विटर के कर्मचारी नहीं हैं। इसके अतिरिक्त ट्विटर ने अपना पता लॉ फर्म के कार्यालय का दिया है जो कि नियमों के अनुसार वैध नहीं है। नोटिस में चेतावनी देते हुए लिखा गया है कि सद्भावना के रूप में ट्विटर को आईटी नियमों का पालन करने का एक अंतिम अवसर दिया जा रहा है। यदि ट्विटर इसका पालन नहीं करता है तो वह आईटी कानूनों और भारत के अन्य कानूनों के तहत परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहे।