नई दिल्ली: सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर ने बीते दिनों अपना नया डिजाइन जारी किया है। ट्विटर ने नए फॉन्ट्स जारी किए और लेआउट में भी परिवर्तन किए हैं। ट्विटर के इस नए लेआऊट को लेकर यूज़र्स ने शिकायतें शुरू कर दीं हैं। यूज़र्स ने इसे लेकर सरदर्द, आंखों में जलन और धुंधला दिखाई देने की बात कही है। पिछले कुछ दिनों से ट्विटर यूज़र्स लगातार कंपनी के इस डिजाइन की शिकायत कर रहे हैं। यूज़र्स ने इस संदर्भ में आंखों पर जोर पड़ने और सिरदर्द होने की शिकायत की है।
दरअसल ट्विटर ने अपने लेआऊट में बदलाव करते हुए फॉलो बटन का रंग बदल दिया है और कॉन्ट्रास्ट भी कर दिया है। इसके साथ ही ट्विटर ने फॉन्ट में बदलाव किया है और फॉन्ट को लेकर भी यूज़र्स ने शिकायत की है। यूज़र्स का कहना है कि नए फॉन्ट से आंखों में तकलीफ हो रही है और धुंधला दिखाई दे रहा है। जबकि कुछ यूज़र्स इस फॉन्ट को अच्छा भी बता रहे हैं। कुछ यूज़र्स ने नए डिज़ाइन को लेकर शिकायत की है कि ऑटिस्टिक व्यक्ति के लिए हाई कॉन्ट्रास्ट ठीक नहीं है और इससे ऐसे लोगों को समस्या हो सकती है। कुछ लोगों ने ट्वीट करते हुए शिकायत की है कि फॉन्ट को लगातार देखते रहने के कारण धुंधला दिखाई देने लगता है। यहां तक कि चिरप फॉन्ट होने के कारण पढ़ने में भी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। वहीं कुछ यूज़र्स ने कहा कि मेडिकल कंडीशन के कारण ट्विटर के नए फॉन्ट्स से उन्हें सर में दर्द हो रहा है। बता दें कि कंपनी ने स्वयं यूज़र्स से पूछा था कि अगर ट्विटर के नए फॉन्ट्स से उन्हें सिरदर्द, आंखों में स्ट्रेन पड़ना या फिर माइग्रेन की समस्या हो रही है तो वे उन्हें जानकारी दें। जिसके बाद यूज़र्स ने अपनी-अपनी समस्याएं बताई और अब ट्विटर ने प्लेटरफॉर्म के सभी बटन के कॉन्ट्रास्ट को बदलने की बात कही है, क्योंकि यूज़र्स को इससे समस्या हो रही है। ट्विटर की माने तो अब कंपनी लोगों को सुनकर उनके हिसाब से बदलाव कर रही है।
गिज्मोडो के एक रिपोर्ट के अनुसार डिसेबल्ड लिस्ट के संस्थापक सदस्य एलेक्स हागार्ड ने बताया कि ट्विटर के डिजाइन का बदलाव ये उदाहरण देता है कि ऐक्सेसिब्लिटी ऐसी चीज़ नहीं है जिसे आप एक ही आकार में बनाए और उसे सबके लिए फिट कर दें। अब शिकायतें आने के बाद कंपनी इस डिजाइन को हटाती है या ऑप्शनल रखती है ये तो कंपनी पर ही निर्भर करता है। लेकिन अगर कंपनी इस डिज़ाइन को ऑप्शनल रखती है तो इससे जिन लोगों को नया डिज़ाइन पसंद आता है वे वही इस्तेमाल कर सकते थे।