लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार में बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी के भाई को ने अपने असिस्टेंट प्रोफेसर के पद से इस्तीफा दे दिया है। पिछले शुक्रवार को ही अरुण द्विवेदी की नियुक्ति EWS कोटे से असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर सिद्धार्थ विश्वविद्यालय में हुई थी। लेकिन इसके बाद काफी विवाद हुआ और आखिरकार उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना ही पड़ा।
सूत्रों के अनुसार, हालांकि अरुण द्विवेदी ने व्यक्तिगत कारणों को अपने पद से इस्तीफा देने का कारण बताया है। अरुण द्विवेदी के इस्तीफे को कुलपति सुरेंद्र दुबे ने स्वीकार कर लिया है। बता दें कि सिद्धार्थ विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग में अरुण द्विवेदी की नियुक्ति असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर हुई थी। अरुण द्विवेदी ने अपने त्यागपत्र में अपनी योग्यता बताते हुए हुए कहा कि उन्हें निर्धारित प्रक्रिया के अंतर्गत चयनित किया गया था किंतु उनके कार्यभार संभालने के बाद ही उनके बड़े भाई सटीश द्विवेदी की छवि को खराब करने की कोशिश की गई और उनके कारण उनके भाई पर आरोप लगाए जाएं उन्हें ये स्वीकार नहीं।
अरुण का कहना है कि वह मानसिक रूप से ग्रस्त हैं और उनके लिए उनके बड़े भाई के राजनीतिक सम्मान से बढ़कर और कुछ महत्वपूर्ण नहीं है। अरुण द्विवेदी ने बताया कि उन्होंने नवम्बर 2019 में आवेदन करते समय अपने EWC का प्रमाण पत्रकार बनाकर दिया था। इसके बर्फ उन्हें उच्च सेवारत लड़की के रिश्ते का प्रस्ताव आया और फिर उन्होंने अपने जीवन को और बेहतर बनाने की कोशिश की। उन्होंने अपनी नियुक्ति के लिए सभी प्रक्रियाओं को पूरा किया था और उनकी नियुक्ति में उनके भाई का कली हाथ नहीं है। सतीश के भाई अरुण की नियुक्ति पर जब लोगों ने सवाल करने शुरू कर दिए तो मंत्री सतीश द्विवेदी ने कहा था कि उनके भाई ने अपने प्रमाण पत्र का उपयोग कर अपनी पहचान बनाई है और यदि किसी को कली सन्देह है तो वो जांच करवा सकता है। इसके साथ ही विश्वविद्यालय के कुलपति सुरेंद्र दूबे ने भी इस बात की जानकारी दी थी कि उनके पास नियुक्ति के सब्बि प्रमाणपत्र है और इसमें किसी तरह की कोई सिफारिश नहीं हुई है।
बता दें कि अरुण द्विवेदी का त्यागपत्र तब सामने आया है जब गुरुवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सिद्धार्थनगर दौरे पर पहुंच रहे हैं। दरअसल कोरोना संकट के दौरान मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं और इसी बीच कल वो सिद्धार्थनगर जाने वाले है। इसके साथ ही अरुण द्विवेदी की नियुक्ति के संदर्भ में पूर्व अफसर अमिताभ ठाकुर और नूतन ठाकुर ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को पत्र लिखकर एक्शन लेने का आग्रह किया था। जब विश्वविद्यालय पर सवाल उठे तो कुलपति सुरेंद्र दूबे ने कहा कि यदि EWC प्रमाण पत्र फर्जी निकलते तो एक्शन ज़रूर लिया जाएगा।