नई दिल्ली: राज्यसभा में शक्रवार को विपक्षी दलों के बारह सांसदों के निलम्बन से संबंधित मामले को फिर से उठाया गया और आरोप लगाया गया कि उनके धरना स्थल को एक राजनीतिक दल के नेताओं ने हथियाने का प्रयास किया। आवश्यक दस्तावेज सदन पटल पर रखे जाने के बाद राष्ट्रीय जनता दल के मनोज कुमार झा ने इस मामले को उठाते हुए कहा कि निलम्बित सदस्य संसद भवन परिसर में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा के निकट धरना दे रहे हैं उस जगह को एक राजनीतिक दल के नेताओं ने आज हथियाने का प्रयास किया।
सभापति एम वेंकैया नायडू ने इस पर कहा, “इस पर मैं केवल इतना कह सकता हूँ , सबको सन्मति दे भगवान ।” इसके बाद विपक्षी दल के सदस्य शोरगुल करने लगे। नायडू ने कहा कि 30 नवम्बर को विपक्ष के नेता को निलम्बित सदस्यों के संबंध में पांच मिनट बोलने दिया गया था। सदन में सभी पक्षों को मिलकर काम करना चाहिए।
इसके बाद सदन के नेता पीयूष गोयल ने कहा कि सदन के बाहर कुछ पार्टियों के नता सदस्यों के निलंबन को लेकर भड़काऊ बयान दे रहे हैं। उनका बर्ताव ठीक नहीं है। ये नेता कह रहे हैं कि वे किस बात के लिए माफी मांगें। उन्होंने कहा कि पिछले सत्र के दौरान सदस्यों ने मार्शल पर हमला किया था और अमर्यादित आचरण किया था। अब उसे सही ठहराया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि सरकार इस मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है। सदस्य सदन में छोटी छोटी बातों को लेकर माफी मांगते रहे हैं। सदस्यों के माफी नहीं मांगने को लेकर इस मुद्दे पर गतिरोध बना हुआ है। इसी दौरान तेलंगना राष्ट्र समिति के कुछ सदस्य तेलंगना में अतिवर्षा के कारण फसलों की हुयी क्षति के लिए किसानों को मुआवजा देने की मांग को लेकर सदन के बीच में आ गये और खड़े हो गये । वे हाथों में तख्तियां लिए हुए थे। बाद में सभापति के कहने पर वे अपनी सीट पर चले गए। इसके बाद शून्यकाल की कार्यवाही शुरु हो गयी।