उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के वाराणसी (Varanasi) स्थित ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanwapi Masjid) का तीसरे और अंतिम दिन का सर्वे आज पूरा हो गया है। अब सर्वे टीम कल कोर्ट में अपनी रिपोर्ट (Survey Report) जमा करेगी।
आज लगातार तीसरे दिन कड़ी सुरक्षा के बीच ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का वीडियोग्राफी (Videography) के साथ सर्वे का काम शुरू हुआ। इस दौरान कोर्ट कमिश्नर (Court Commissioner) समेत वादी प्रतिवादी के लोग ज्ञानवापी मस्ज़िद में मौजूद रहे। आज की पूरी प्रक्रिया शांतिपूर्ण तरीक़े से हुई है।
बाद में सरकारी वकील महेंद्र पांडेय ने बताया कि आज सर्वे कमीशन ने अपना काम पूरा कर लिया है। पांडेय ने बताया कि कमीशन ने बारीकी के साथ हर जगह की वीडियोग्राफ़ी की है। तीनों गुंबद, तहखाने, प्रथम ताल पर स्थित वज़ुखाने के तालाब समेत हर जगह की रिकॉर्डिंग की गई है। तालाब की रिकरिंग करने के लिए तालाब का पानी पहले ही निकाला जा चूका था। कोर्ट के द्वारा बनाई गई सर्वे टीम के तीनो सदस्य की सर्वे रिपोर्ट को कोर्ट कमिश्नर कल कोर्ट में दाखिल करेंगे, अगर रिपोर्ट कल तक पूरी नहीं हुई तो कोर्ट से रिपोर्ट सबमिट करने के लिए और वक्त की भी मांग की जा सकती है।
सर्वे के बाद हिंदू पक्ष के पैरोकार डॉ. सोहनलाल ने बाहर आकर बड़ा दावा करते हुए कहा, ‘अंदर बाबा मिल गए… जिन खोजा तिन पाइयां। तो समझिए, जो कुछ खोजा जा रहा था, उससे कहीं अधिक मिला है। सोहनलाल ने कहा कि अब पश्चिमी दीवार के पास जो 75 फीट लंबा, 30 फीट चौड़ा और 15 फीट ऊँचा मलबा है, उसके सर्वे की भी मांग उठाएंगे।’
दूसरी तरफ मुस्लिम पक्ष के वकील ने हिंदू पक्ष के दावों का पूरी तरह खारिज करते हुए कहा कि ऐसा कुछ नहीं मिला। मुस्लिम पक्ष के वकील ने कहा कि हम सर्वे से संतुष्ट हैं।
वाराणसी की प्रतिष्ठित ज्ञानवापी मस्जिद, काशी विश्वनाथ मंदिर के बेहद करीब है। स्थानीय कोर्ट महिलाओं के एक समूह द्वारा इसकी बाहरी दीवारों पर मूर्तियों के सामने प्रतिदिन पूजा अर्चना करने की अनुमति की मांग वाली याचिका पर सुनवाई कर रही है।
वाराणसी की जिला अदालत ने ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी परिसर का सर्वे-वीडियोग्राफी कार्य कराने के लिए नियुक्त अधिवक्ता आयुक्त (कोर्ट कमिश्नर) अजय मिश्रा को पक्षपात के आरोप में हटाने की मांग संबंधी याचिका बृहस्पतिवार को खारिज कर दी थी। अदालत ने स्पष्ट किया था कि ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर भी वीडियोग्राफी कराइ जाएगी।
दीवानी अदालत के न्यायाधीश रवि कुमार दिवाकर ने एडवोकेट कमिशनर मिश्रा को हटाने संबंधी याचिका को नामंजूर करते हुए विशाल सिंह को विशेष एडवोकेट कमिशनर और अजय प्रताप सिंह को सहायक एडवोकेट कमिशनर के तौर पर नियुक्त किया था।
कोर्ट ने पुरे परिसर की वीडियोग्राफी करके 17 मई तक कोर्ट में अपनी रिपोर्ट पेश करने के निर्देश भी दिए थे। वाराणसी की अदालत ने कहा था कि यदि सर्वेक्षण की खातिर परिसर के कुछ हिस्सों तक पहुंचने के लिए चाबियां उपलब्ध नहीं हैं तो ताले तोड़े जा सकते हैं। अदालत ने अधिकारियों को सर्वे कार्य में अवरोध उत्पन्न करने वालों के खिलाफ मामला दर्ज करके कार्यवाई का भी निर्देश दिया था।
इससे पहले, उच्चतम न्यायालय ने बीते शुक्रवार को सर्वेक्षण पर यथास्थिति का अंतरिम आदेश देने से इनकार कर दिया था। हालांकि, शीर्ष अदालत सर्वे के खिलाफ मुस्लिम पक्ष की एक याचिका को सूचीबद्ध करने पर विचार करने के लिए सहमत हो गई है।