नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस अगस्त की 20 तारीख को विपक्षी दलों के नेताओं के साथ मीटिंग का आयोजन किया है। विपक्ष की इस बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी शामिल होंगे।
दरअसल विपक्षी दल मोदी सरकार पर दबाव बनाए रखने के लिए रणनीति तैयार करने के लिए बैठक का आयोजन कर रहा है। सोनिया गांधी मोदी सरकार के खिलाफ रणनीति बनाने की पूरी तैयारी कर रहीं हैं। जानकारी के मुताबिक सोनिया गांधी ने राज्यों में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों और साल 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर विपक्ष को एकजुट करने की तैयारी शुरू कर दी है। खबरों की माने तो सोनिया गांधी इस बैठक के ज़रिए विपक्ष की एकता को बढाने और भाजपा को हराने की रणनीति तैयार करना चाहती हैं। मालूम हो कि संसद के मानसून सत्र के पहले दिन से ही विपक्ष एकजुट होकर सरकार का घेराव करने में लगा है। दरअसल पेगासस मामले को लेकर विपक्ष सरकार के साथ चर्चा करना चाहता है लेकिन सरकार इसपर कोई बात नहीं करना चाहती। विपक्षी दलों के हंगामे के कारण संसद की कार्यवाही बाधित होती रही। वहीं विपक्षी दलों ने इसे भाजपा के विरूद्ध जीत के रूप में देखा है। हालांकि साल 2019 में भाजपा की जीत के बाद विपक्ष बंट गया था लेकिन अब सभी विपक्षी दलों ने एकजुट होने की मुहिम शुरू कर दी है। सोनिया गांधी की इस बैठक में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे भी शामिल होंगे। शिवसेना नेता संजय राउत ने जानकारी देते हुए कहा कि उद्धव ठाकरे वीडियो लिंक के माध्यम से कॉन्फ्रेंस का हिस्सा बनेंगे।
बता दें कि महाराष्ट्र में कांग्रेस शिवसेना और एनसीपी के साथ गठबंधन में शामिल है। ऐसे में एनसीपी प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि उन्हें इस विषय में कोई जानकारी नहीं है कि सोनिया गांधी ने इस बैठक में उनकी पार्टी को आमंत्रित किया है या नहीं। उन्होंने आगे कहा कि अगर आमंत्रित किया है तो उन्हें इस बारे में भी नहीं पता कि इस मीटिंग में उनकी पार्टी से कोई शामिल होगा या नहीं।