नई दिल्ली: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच चल रहे तकरार को कम करने के लिए दिल्ली में हाईकमान की एक बैठक आयोजित की गई। बैठक में सिद्धू ने कहा कि सच कभी नहीं हारता नहीं है। इस दौरान सिद्धू के साथ कांग्रेस के कुछ विधायक भी उपस्थित थे।
सीएम अमरिंदर सिंह और सिद्धू के बीच का तनाव कम होने का नाम नहीं ले रहा है। इस मामले में मंगलवार को दिल्ली में हाईकमान ने एक बैठक का आयोजन किया। इस बैठक में नवजोत सिंह सिद्धू को भी बुलाया गया था, सिद्धू के साथ कुछ कांग्रेसी विधायक भी मौजूद रहे। बैठक में सिद्धू ने कहा कि वह ज़मीनी स्तर से लेकर हाईकमान तक के लोगों की आवाज़ लेकर वहां पहुँचे हैं, लोकतांत्रिक शक्ति पर उनके विचार यह है कि लोगों की सत्ता को लोगों के पास लौटना चाहिए। उन्होंने आगे यह भी कहा कि सच कभी हार नहीं सकता, पंजाब विरोधी ताकतें हारेगी। बता दें कि पंजाब में कांग्रेस नेताओं के बीच हो रही तकरार को लेकर सोनिया गांधी ने एक कमेटी बनाई थी और इस कमेटी ने पहली बार सोमवार को बैठक का आयोजन किया था। इस बैठक में कांग्रेस के 25 विधायक शामिल हुए थे। इस कमेटी का नेतृत्व उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत कर रहे हैं।
दरअसल मामला यह है कि साल 2015 में फरीदकोट के कोटकपूरा में बेअदबी मामले के बाद गोलीबारी हुई। इस घटना पर हुई कार्रवाई पर कांग्रेस के कुछ नेताओं ने असंतोष व्यक्त किया था। पिछले माह पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने कोटकपूरा मामले की जांच रद्द कर दी जिसके बाद से नवजोत सिंह सिद्धू पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह पर इस मामले से निपटने में असफल होने का आरोप लगा रहे हैं और उनकी आलोचना कर रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार पैनल के सदस्य जेपी अग्रवाल का कहना है कि कुछ लोग इस कठिन समय में अवसर ढूंढने की कोशिश कर रहे हैं और उनका भी पर्दाफाश किया जाएगा। जिन्होंने पार्टी के साथ धोखाधड़ी की है उनका भी हिसाब होगा ताकि पार्टी एकजुट होकर आने वाले चुनाव लड़ सके।