पटना: बिहार में कोरोना संक्रमण की रफ्तार अब कम होती नजर आ रही है। कोरोना संक्रमण की स्थिति नियंत्रित देखते हुए नीतीश सरकार ने अहम फैसला लिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में सभी शैक्षणिक संस्थान खोले जाने की अनुमति दे दी हैं। जिसके अनुसार ग्यारहवीं-बारहवीं के स्कूल, सभी डिग्री कॉलेज और सभी सरकारी एवं निजी विश्विद्यालय और तकनीकी शिक्षण संस्थान 50 प्रतिशत छात्रों के साथ खोले जा सकते हैं। लेकिन साथ ही सरकार द्वारा कोरोना प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करने के कड़े निर्देश दिए गए हैं।
बता दें कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर के मद्देनजर 3 अप्रैल को संकट प्रबंधन समूह की मीटिंग का आयोजन किया गया था। जिसके बाद राज्य के सभी स्कूलों और शिक्षण संस्थानों को 5 अप्रैल से अनिश्चित काल तक के लिए बंद कर दिया गया था। अब 98 दिनों बाद कोरोना संक्रमण को काबू में पाते हुए राज्य सरकार ने इन्हें खोलने की अनुमति दी है। हालांकि सरकार की ओर से कोरोना प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन किए जाने के आदेश हैं। जिसके तहत सभी संस्थानों के गेट पर ही सभी की थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी और केवल उन्हीं अध्यापकों और छात्रों को प्रवेश की अनुमति होगी जो वैक्सीन लगवा चुके होंगे। इसके अतिरिक्त कक्षाओं में हर छात्र के बीच छह गज की दूरी होगी और यही नियम कार्यालय कक्ष और अन्य कक्षाओं में लागू रहेगा। वहीं स्कूलों और सभी संस्थानों के सभी दरवाज़े प्रवेश और प्रस्थान के समय खोले रखने का आदेश है। आने और जाने के लिए अलग-अलग दरवाजे तय किए जाएंगे। जिन विद्यालयों में विद्यार्थियों की संख्या अधिक है उनमें दो पालियों में कक्षाओं का आयोजन किया जाएगा। इसके साथ ही इनमें किसी प्रकार के समारोह या त्योहार के आयोजन से परहेज किए जाने का भी निर्देश हैं।
बिहार के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने इस विषय पर कहा कि कोरोना की दूसरी लहर में शैक्षणिक संस्थानों के बंद होने के बाद अब सोमवार से सभी संस्थान खोले जा रहे हैं। शिक्षकों, विद्यार्थियों और अभिभावकों को शुभकामनाएं है कि संक्रमण मुक्त होकर पढ़ाई हो। सभी लोग कोरोना गाइडलाइंस का पालन करें और यदि कोरोना संक्रमण इसी प्रकार नियंत्रित रहा तो जल्द ही बची हुई कक्षाएं भी शुरू की जाएंगी।