असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Ovaisi) की पार्टी AIMIM बिहार में हो रहे विधानसभा उपचुनावों में महागठबंधन (Mahagathbandhan) के वोटों को बिखेरने में लगातार जुटी हुई। है। बीते दिनों गोपालगंज (Gopalgunj) में ओवैसी की पार्टी के मैदान में होने से राजद (Rashtriya Janata Dal) का उमीदवार 2 हज़ार से भी कम मतों के अंतर से पराजित हो चूका है। जबकि इस चुनाव में एमआईएम के उमीदवार को 12 हज़ार से भी प्राप्त हुए थे।
एमआईएम (AIMIM) बिहार में विशेषकर राजद के माई (MY) समीकरण को भी तोड़ने में लगी है। एमआईएम के द्वारा राजद या महागठबंधन के किसी उमीदवार के खिलाफ उमीदवार उतारने की वजह से सीधा फायदा भाजपा को होता नज़र आ रहा है।
बिहार के गोपालगंज विधानसभा में हुए उपचुनाव में AIMIM ने अब्दुल सलाम को अपना प्रत्याशी बनाया था। गोपालगंज में राजद-जदयू (RJD-Janata Dal United) के संयुक्त प्रत्याशी मोहन प्रसाद गुप्ता 1,794 मतों से चुनाव जीतने में असफल हुए। वहीं ओवैसी के प्रत्याशी अब्दुल सलाम को 12,214 वोट मिले। जिससे ये बात साफ़ हो गई कि RJD को जीत से किसी ने रोका तो वो ओवैसी ही थे। ओवैसी की पार्टी ने राजद के माई समीकरण में सेंधमारी करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
अब एक बार फिर बिहार के मुजफ्फरपुर की कुढ़नी विधानसभा में उपचुनाव होना है। कुढ़नी विधानसभा में मुसलमान वोट 35 हजार जबकि यादव वोटों की संख्या भी 30-35 हजार है। सवर्ण जातियों में भूमिहार वोटों की की संख्या कुढ़नी में 40 हजार यानी सबसे ज्यादा हैं, जबकि कुशवाहा वोट बैंक 30-32 हजार, वैश्य 35-38 हजार, पासवान 12-15 हजार के लगभग है। यहां भी महागठबंधन उमीदवार के खिलाफ AIMIM प्रत्याशी उतारने जा रहा है।
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 पर गौर करें तो जदयू ने जिन 11 मुसलमानों को टिकट दिया था, वे सभी हार गए। जबकि लालू यादव की पार्टी राजद से 8, ओवैसी की पार्टी AIMIM से 5, कांग्रेस से 4 और बीएसपी व सीपीएम से 1-1 विधायक हुए। हालांकि बाद में AIMIM के जीते हुए 5 में से 4 विधायक ओवैसी का दामन छोड़ कर राजद के पाले में शामिल हो गए थे। 2015 में कुल 24 मुस्लिम विधायक चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे, लेकिन 2020 में 19 विधायक ही जीत सके।
2020 के बाद हुए तारापुर, कुशेश्वर स्थान, बोचहां, मोकामा और गोपालगंज उपचुनाव में कोई मुसलमान चुनाव में कामयाब नहीं हो सका है। जिसकी बड़ी वजह राजद के वोटबैंक में एमआईएम के ज़रिये की जा रही सेंधमारी। अब एक बार फिर ओवैसी कुढ़नी विधानसभा उपचुनाव में भी राजद-जदयू उमीदवार को असफल करने की पूरी तरह से तैयारी कर रही है।