जोशीमठ संकट पर उत्तराखंड कैबिनेट ने लिया फैसला 6 महीने तक नहीं देने होंगे बिजली और पानी के बिल। जोशीमठ संकट को देखते उत्तराखंड कैबिनेट ने कुछ अहम निर्णय लिया है। कैबिनेट बैठक में फैसला लिया गया है की भारत सरकार से राहत पैकेज की मांग की जाएगी साथ ही उत्तराखंड सरकार एक सप्ताह के अंदर राहत पैकेज तैयार करेगी साथ ही प्रभावित परिवार के दो लोगों को मनरेगा के दर पर मदद की जाएगी।
Joshimath Crisis: जोशीमठ संकट को लेकर शुक्रवार को देहरादून में पुष्कर धामी कैबिनेट की बैठक में कई और अहम निर्णय लिए गए। बिजली पानी माफ़ करने के साथ साथ बैंक से लिए गए कर्ज को चुकाने की अवधि भी एक साल के लिए बढ़ाई गई साथ ही जोशीमठ संकट से उबरने के लिए सभी मंत्री एक माह का वेतन सीएम राहत कोष में देंगे।
कैबिनेट की बैठक में ये भी निर्णय लिया गया की पहाड़ी इलाकों में सहने की क्षमता की जांच हो। भूमि धंसने के कारण और इसके लिए NTPC ज़िम्मेदार है या नहीं इसकी भी जांच की जाएगी।
गौरतलब है की यहां के 9 इलाकों में 561 ऐसे मकान हैं, जहां दरारें आ गई हैं। जोशीमठ अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है। 2 होटल को सुरक्षा की वजह से बंद करना पड़ा है, जबकि अब तक 38 परिवारों को सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट किया गया है। लोग इस सब के लिए NTPC परियोजना की टनल को जिम्मेदार ठहरा रहे है। सवाल कई है लेकिन किसी के पास इसका जवाब नहीं है के ऐसा किसी प्राकर्तिक आपदा की वजह से हो रहा है या सरकार का विकास मॉडल इसका जिम्मेदार है।
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