लखनऊ: प्रयागराज में संदिग्ध परिस्थितियों में हुई महंत नरेंद्र गिरि की मौत की गुत्थी सुलझाने की जिम्मेदारी अब केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को मिल सकती है। उत्तर प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार से सीबीआई जांच की सिफारिश की है। गृह विभाग के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से सरकार के फैसले की जानकारी बुधवार देर रात दी गई जिसमें कहा गया है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर महंत नरेन्द्र गिरि की मृत्यु के मामले की जांच सीबीआई से कराने की संस्तुति केन्द्र सरकार से की गई है।
सीबीआई के लिए ये केस सुलझाना आसान नहीं होगा, क्योंकि अब तक जो बातें सामने आई हैं वह इस केस को उलझाती हुई नजर आ रही हैं। महंत गिरि के पास मिले सुसाइड नोट में लिखा था “ आनंद गिरि, आद्या प्रसाद तिवारी और उनके पुत्र संदीप तिवारी ने मिलकर मेरे साथ विश्वासघात किया। प्रयागराज के सभी पुलिस अधिकारी एवं प्रशासनिक अधिकारियों से अनुरोध करता हूं। मेरे आत्महत्या के जिम्मेदार उपरोक्त लोगों पर कानूनी कार्रवाई की जाए। ”
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और प्रसिद्ध बाघम्बरी पीठ के प्रमुख महंत नरेंद्र गिरि का शव सोमवार को उनके कमरे में मिला था। पुलिस को सूचना देने से पहले मठ के सेवादारों ने शव को फंदे से उतार लिया था और पुलिस के पहुंचने से पहले वहां अनुयायियों की भीड़ एकत्र हो चुकी थी। शव के पास पुलिस को सुसाइड नोट मिला था जिसके अनुसार महंत ने आत्महत्या की थी। इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महंत नरेन्द्र गिरि की मृत्यु पर दुख व्यक्त करते हुये पूरे मामले की जांच के लिये एसआईटी का गठन किया था।
पुलिस ने महंत की संदिग्ध मौत के मामले में उनके शिष्य आनंद गिरि और बड़े हनुमान मंदिर के पुजारी अद्या तिवारी और उसके पुत्र संदीप तिवारी को हिरासत में ले लिया। सुसाइड नोट में इन तीनों को आत्महत्या के लिये उकसाने का जिम्मेदार ठहराया गया है। एसआईटी ने बुधवार शाम चार बजे आनंद और अद्या को अदालत में पेश किया, सीजेएम हरेन्द्र तिवारी ने आरोपियों के उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।