महाराष्ट्र में शिवसेना (Shiv Sena) के 12 बागी सांसदों को Y – कैटेगरी की सुरक्षा दी गई है, ये सुरक्षा कल रात से ही दी गई है. इससे पहले इन 12 सांसदों ने लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला (Lok Sabha Speaker Om Birla) को पत्र लिख कर राहुल शेवाले को नेता के तौर पर मान्यता देने का आग्रह किया था। हालांकि, उनकी चिट्ठी पर अभी तक स्पीकर ने फैसला नहीं लिया है।
केंद्र सरकार ने इससे पहले शिवसेना के बागी विधायकों को भी Y-कैटेगरी सुरक्षा दिया था। बागी नेताओं को केंद्र द्वारा विशेष सुरक्षा प्रदान करने को लेकर ठाकरे कैंप इसे बगावत के इनाम के तौर पर बताता रहा है। शिव सेना बीते कुछ समय से पार्टी में बगावत से जूझ रही है, उद्धव कैंप का आरोप है की भाजपा उनकी पार्टी को तहस नहस करने में अहम् रोल अदा कर रही है।
इस बीच महाराष्ट्र के मुख्य मंत्री एकनाथ शिंदे (Maharashtra CM Eknath Shinde) ने शिवसेना के 18 सांसदों के समर्थन का दावा किया है। शिंदे ने आज शिवसेना पर दावा ठोकते हुए 12 सांसदों की परेड लोकसभा स्पीकर के सामने करा दी है। शिंदे ने दावा किया है कि शिवसेना के 19 में से 18 सांसदों का समर्थन उन्हें प्राप्त है।
वहीँ शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे (Shiv Sena Supremo Uddhav Thackrey) ने पार्टी नेताओं की एक अहम् बैठक बुलाई है। इस बैठक में पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ-साथ महानगरपालिका अध्यक्षों को भी बैठक में आने का निर्देश भेजा गया है। विधायकों के बगावत के बाद उद्धव ठाकरे ने 29 जून को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। जिसके बाद एकनाथ शिंदे ने बागी विधायकों के साथ मिलकर भाजपा के समर्थन से राज्य में नई सरकार बनाई है। शिंदे मुख्य मंत्री बने, जबकि पूर्व मुख्य मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस को उप मुख्यमंत्री पद से संतोष करना पड़ा।
दूसरी तरफ उद्धव ठाकरे कैंप वाले शिवसेना ने सोमवार शाम को लोकसभा अध्यक्ष को अर्जी देकर कहा कि विनायक राउत को “विधिवत तरीके से”उसके संसदीय दल का नेता नियुक्त किया गया है। शिवसेना ने लोकसभा अध्यक्ष से पार्टी से अलग हुए गुट के किसी भी अभिवेदन पर विचार नहीं करने का आग्रह भी किया है।
शिवसेना संसदीय दल के नेता संजय राउत ने लोकसभा अध्यक्ष को पत्र सौंप कर स्पष्ट तौर पर कहा, “ आपसे आग्रह किया जाता है कि शिवसेना संसदीय दल के नेता या मुख्य सचेतक होने का झूठा दावा किया जा रहा है अतः आप से अनुरोध है कि किसी अन्य सांसद द्वारा दिए गए अभिवेदन को स्वीकार या विचार न करें साथ ही किसी अन्य द्वारा जारी किए गए किसी भी निर्देश / व्हिप को स्वीकार न करें।”
महाराष्ट्र के सियासी संकट को लेकर अब सबकी नज़रें 20 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में होने वाली सुनवाई पर है। मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना, जस्टिस कृष्ण मुरारी और हेमा कोहली की बेंच उद्धव ठाकरे और शिंदे खेमे की याचिकाओं पर सुनवाई करेगी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद शिवसेना की लड़ाई में नया मोड़ आने की संभावना जताई जा रही है।