जदयू नेता एवं केंद्रीय इस्पात मंत्री, रामचंद्र प्रसाद सिंह (Steel Minister RCP Singh) का केंद्रीय मंत्रिमंडल से जाना अब लगभग तय हो चूका है। सूत्रों की माने तो पद पर बने रहने की सारी संभावनाएं ख़त्म होती हुई दिखने पर 1 -2 दिनों के अंदर आरसीपी सिंह मोदी मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे सकते हैं।
कहा जा रहा है कि कल होने वाली केंद्रीय कैबिनेट (Union Cabinet) की बैठक मंत्री के तौर पर आरसीपी सिंह की आखरी बैठक हो सकती है। भाजपा (BJP) की बिहार इकाई के शीर्ष नेताओं की माने तो CM नितीश कुमार (CM Nitish Kumar) को नाराज़ करके आरसीपी सिंह को केंद्रीय मंत्रिमंडल में बरक़रार रखना मुश्किल है। इस बीच आरसीपी की भाजपा के तरफ जाने की बात भी खटाई में पड़ती दिख रही है। भाजपा ने कल ही साफ़ कर दिया था की आरसीपी अभी बीजेपी में शामिल नहीं हुए हैं। सूत्रों की माने तो उनका भाजपा में शामिल होना भी संभव नहीं दिख रहा क्योंकि यह बात उसकी सहयोगी दल जेडीयू (JDU) को रास नहीं आएगी।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नाराज़गी झेल रहे आरसीपी सिंह की राज्यसभा की सदस्यता 7 जुलाई को ख़त्म हो रही है। जदयू ने उन्हें तीसरा टर्म नहीं दिया है, जिसके बाद नीतीश कुमार ने साफ़ कर दिया था कि वो मंत्री अपने राज्यसभा के टर्म पूरा होने तक रह सकते है। हालाँकि, पार्टी के अन्य नेताओं का मानना है की आरसीपी को अब खुद से इस्तीफा दे देना चाहिए। जब इस सम्बंध में आरसीपी सिंह से सवाल किया गया तो उन्होंने चुप्पी साध ली।
CM नीतीश कुमार और आरसीपी के बीच रिश्तों में दरार का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि आरसीपी का मंत्रिमंडल से त्यागपत्र होने से पहले या उनका राज्यसभा का कर्यकाल पूरा होने से पहले ही पटना में आवंटित उनका सरकारी आवास खाली करा लिया गया और उसको बिहार के मुख्य सचिव के नाम पर आवंटित भी कर दिया गया। बावजूद इसके आरसीपी ने घुटने नहीं टेके हैं लेकिन अब ज़्यादा लम्बे समय तक उनका केंद्रीय मंत्रिमंडल में बने रहना संभव नहीं लगता। इसलिए अब 7 जुलाई को राज्यसभा का कर्यकाल ख़त्म होते ही उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल से त्यागपत्र देना पड़ सकता है।