पटना: बिहार कांग्रेस में बदलाव को लेकर चल रही अटकलों के दौरान कांग्रेस आलाकमान ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं, विधायकों और विधान परिषद के सदस्यों को दिल्ली बुलाया है। बुधवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी सभी नेताओं से मिलकर बदलाव को लेकर बातचीत करेंगे। बता दें कि कांग्रेस राजस्थान, पंजाब और अब बिहार में पार्टी के अंदर चल रहे कलह को मद्देनजर रखते हुए कोई एक तरफा फैसला लेकर रिस्क नहीं लेना चाहती है। फिलहाल कांग्रेस सभी से मुलाकात करके निर्णय लेना चाहती है ताकि वह पार्टी के विधायकों का विश्वास जीत सके।
बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद कांग्रेस ने भक्त चरण दास को बिहार का प्रदेश प्रभारी बना दिया। भक्त चरण को जैसे ही प्रदेश प्रभारी का पद मिला उन्होंने इस बात के संकेत दे दिए कि वह किसी दलित को अध्यक्ष बनाना चाहते हैं। भक्त चरण के इस इरादे का पार्टी के कई नेताओं ने विरोध भी किया। जब इस बात की जानकारी बिहार कांग्रेस संगठन के महासचिव केसी वेणुगोपाल को मिली तो उन्होंने सभी से चर्चा करते हुए निर्णय लेने का विचार किया। भक्त चरण को लेकर प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता किशोर कुमार झा ने कहा कि प्रदेश प्रभारी को इस प्रकार के बयान देने से परहेज़ करने की आवश्यकता है। उनके कारण ही पार्टी में विवाद पैदा हुआ है, उन्हें इस तरह से जल्दबाज़ी में निर्णय नहीं लेना चाहिए। वहीं दूसरी तरफ पार्टी के कई नेता सवर्ण को अध्यक्ष बनाने के पक्ष में हैं। इन नेताओं का कहना है कि मदन मोहन झा के बाद किसी सवर्ण नेता को ही प्रदेश अध्यक्ष की ज़िम्मेदारी दी जानी चाहिए।
यही नहीं असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM के बढ़ते वर्चस्व के मद्देनजर कुछ नेता मुस्लिम अध्यक्ष बनाने की भी मांग कर रहे हैं। पार्टी में अध्यक्ष को लेकर चल रहे विवाद और टूट को लेकर कांग्रेस आलाकमान विधायकों के मन की बात जानना चाहती है। हालांकि भक्तचरण दास और पार्टी के नेताओं का कहना है कि ऐसा कोई विवाद नहीं है और पार्टी एकजुट है।