नई दिल्ली: संसद का मानसून सत्र जारी है और इस दौरान अब तक दोनों ही सदनों में जमकर हंगामा हो चुका है। इस बार मानसून सत्र में कोरोना महामारी, पेगासस और किसानों का प्रदर्शन मुख्य मुद्दा है। कोरोना महामारी को लेकर सरकार ने कहा है कि इस साल दिसंबर तक 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को कोरोना का टीका लग जाएगा।
संसद में चल रही बहस के दौरान विपक्ष के नेता और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र सरकार से 18 से अधिक उम्र के लोगों की वैक्सीनेशन पर अब तक के हुए खर्च का हिसाब मांगा। जिस पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने जवाब दिया है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ भारती प्रवीण पवार ने कहा कि वैक्सीनेशन एक सतत और व्यापक प्रक्रिया है। अनुमान है कि अगस्त से दिसंबर तक वैक्सीन की 135 करोड़ खुराकें उपलब्ध होंगी और इसके साथ ही दिसंबर तक 18 साल से अधिक उम्र के लोगों का टीकाकरण संपन्न हो जाएगा। जब विपक्ष द्वारा स्वदेशी वैक्सीन की खरीद और अब तक के हुए खर्च पर सवाल किया गया तो राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने जवाब दिया कि स्वदेशी वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों से वैक्सीन खरीदने में किसी प्रकार की देरी नहीं हुई। कंपनियों को दिए गए आपूर्ति आदेशों के तहत अग्रिम भुगतान भी किया गया। उन्होंने आगे जानकारी दी कि अब तक वैक्सीन और वैक्सीनेशन ड्राइव पर 9725.15 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं।
गौरतलब है कि संसद के मानसून सत्र के दूसरे ही दिन यानी मंगलवार को राज्यसभा में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों पर चर्चा हुई थी। जिसे लेकर यह बात सामने आई कि वास्तव में किसी राज्य ने ऑक्सीजन की कमी से मौत होने की जानकारी नहीं दी। कुल मिलाकर सरकार द्वारा कहा गया कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी से एक भी मौत नहीं हुई। सरकार के इस जवाब के बाद सदन में हंगामा मच गया था। यही नहीं विपक्ष ने केंद्र के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाने की धमकी भी दे डाली थी।