चंडीगढ़: पंजाब में एक तरफ जहां कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू की तकरार खत्म नहीं हो रही वहीं दूसरी तरफ बिजली संकट ने राज्य सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। पंजाब में गहराए बिजली संकट के विरोध में आम आदमी पार्टी के नेताओं ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के घर के बाहर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया था। जिसके बाद पुलिस ने AAP नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया है। जानकारी के मुताबिक शनिवार को आम आदमी पार्टी के नेता बिजली कटौती का विरोध करते हुए मुख्यमंत्री अमरिंदर के आवास का घेराव करने लगे। जिसके बाद उन नेताओं पर पानी की बौछार कर दी गई। बता दें कि पुलिस ने आप के 23 नेताओं के खिलाफ कोरोना गाइडलाइंस का उल्लंघन करने के आरोप में भी मामला दर्ज किया है।
पंजाब में बिजली कटौती का विरोध करते हुए आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के आवास के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे। ये सभी प्रदर्शनकारी पार्टी का झंडा लिए आगे बढ़ रहे थे और पुलिस ने तभी उन पर पानी की बौछार कर दी। बता दें कि पंजाब में बिजली का संकट छाया हुआ है और गांवों और शहरों में लंबे समय से बिजली की कटौती एक बड़ी समस्या बन गई है। बीते दिनों पंजाब सरकार ने इस संबंध में आदेश दिया था कि दफ्तरों में एसी चलाने का समय नियंत्रित किया जाए ताकि गांवों तक बिजली पहुंचाने में मदद हो सके।
पंजाब सरकार बिजली संकट को दूर करने में अब तक नाकाम रही जिसके विरोध में आम आदमी पार्टी के नेता मुख्यमंत्री के आवास के बाहर प्रदर्शन पर उतर आएं। जिसके बाद पुलिस ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। एफआईआर के अनुसार पार्टी के 23 नेताओं पर आईपीसी की धारा 188 और आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। इनमें आप सांसद भगवंत मान, विधायक मनजीत सिंह, कुलवंत सिंह, हरपाल सिंह, मीत हेयर और बलदेव सिंह का नाम शामिल है। यही नहीं पुलिस द्वारा चीमा, मान और मीत को हिरासत में भी लिया गया है। इसके अलावा 200 अज्ञात लोगों पर कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने को लेकर भी मामला दर्ज किया गया है।
जानकारी हो कि अमरिंदर सरकाए अपनी जनता को पर्याप्त बिजली उपलब्ध कराने में असफल हो रही है और यही वजह है कि विपक्ष उनके खिलाफ मोर्चा खोले बैठा है। इससे पहले भी आम आदमी पार्टी ने पंजाब सरकार को सस्ती दरों पर 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराने में असफल होने पर घेरा था। अब राज्य में पैदा हुए बिजली संकट ने विपक्ष को एक और मौका दे दिया ताकि वह अमरिंदर सरकार को अपने निशाने पर ले सके।