इसे पार्टी की सिद्धांत माना जाए या उसकी मज़बूरी की एक प्रदेश के मुख्य मंत्री के भाई को उनकी पार्टी से टिकट नहीं मिल सका और चुनाव लड़ने को व्याकुल भाई, अंततः बग़ावत पर उतर आये।
मुख्यमंत्री चन्नी के भाई को नहीं मिला कांग्रेस का टिकट
जी हाँ, पंजाब ऐसी ही बड़ी बग़ावत सामने आयी है, जहाँ मुख्य मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के भाई को कांग्रेस पार्टी के टिकट की उमीदों से हाथ धोना पड़ा, जिसके बाद भाई डॉ मनोहर सिंह ने निर्दलीय उमीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने का फैसला कर लिया।
बस्सी पठाना सीट से टिकट चाहते थे चन्नी के भाई
मुख्यमंत्री चन्नी के भाई डॉ. मनोहर ने पंजाब की बस्सी पठाना विधानसभा सीट से अपनी दावेदारी ठोकी थी, जिसको कांग्रेस पार्टी ने नकारते हुए उस सीट से पार्टी के वर्तमान विधायक गुरप्रीत सिंह जीपी को ही अपना उमीदवार बनाया है।
चन्नी की भाई की जगह, सिद्धू ने वर्तमान MLA का किया समर्थन
चन्नी के भाई, पंजाब में सरकारी डॉक्टर थे, पिछले महीने उन्होंने अपनी सरकारी नौकरी से इस्तीफा देकर बस्सी पटना सीट से चुनाव लड़ने की इक्षा ज़ाहिर की थी। पिछले कुछ समय से वो इस क्षेत्र में सक्रीय भी रहे थे। लेकिन माना जा रहा है की कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू का समर्थन उनको नहीं मिल सका। सिद्धू, सिटींग विधायक जीपी के पक्ष में खड़े दिखाई दिए, जिस कारण मुख्य मंत्री के भाई की उमीदों पर पानी फिर गया।
कांग्रेस की पहली सूचि आने के बाद डॉ मनोहर हुए बाग़ी
कांग्रेस पार्टी ने कल 86 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की थी, जिसमे डॉ मनोहर सिंह की जगह सिटींग MLA जीपी का नाम था। इसके बाद डॉ. मनोहर ने बाघी तेवर अपनाते हुए आज निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरने का फैसला सुना दिया।