उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव (Assembly Election 2022) को लेकर हलचल काफी तेज देखने को मिल रही है। यूपी में एक चरण (First Phase) का चुनाव (Voting) भी ख़त्म हो चुका है। अब दूसरे चरण (Second Phase) के मतदान की तैयारी ज़ोरों शोरों से हो रही है। वहीं यूपी में दूसरे चरण का मतदान 14 फरवरी को 9 जिलों की 55 सीटों पर होना है। फिलहाल इसे लेकर तमाम राजनीतिक पार्टिया पूरे जोश के साथ जनसमर्थन जुटाने में लगी हुई हैं। वहीं दूसरे चरण के प्रचार के आखिरी दिन कांग्रेस पार्टी ने भी कोई कमी नहीं छोड़ी। जी हाँ, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने उन्नाव (Unnao rape case) में कथित हत्या मामले को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधा है। जिसे लेकर उन्होंने बातों ही बातों में काफी खरी खोटी सुना दी।
प्रियंका ने योगी को सुनाई खरी-खोटी
प्रियंका ने सीएम योगी (CM Yogi Adityanath) पर हमलावर होते हुए कहा कि, “ उन्नाव (Unnao rape case) में जो घटा वो उत्तर प्रदेश में नया नहीं है। एक दलित लड़की की मां अपनी बेटी का पता लगाने के लिए दफ्तरों के चक्कर काटरी रही, अंत में उसको अपनी बेटी की शव मिला। प्रशासन ने उसकी एक नहीं सुनी। भाजपा को इस मुद्द पर राजनीति करन की बजाय जवाब देना चाहिए कि प्रशासन क्यों उस मां को जनवरी से दौड़ाता रहा? किसी ने उस बिटिया की मां की गुहार नहीं सुनी।” आगे कांग्रेस महासचिव ने कहा , “ योगी आदित्यनाथ जी आप अपने भाषणों में कानून व्यवस्था की बात करना छोड़ दीजिए। आपके प्रशासन में महिलाओं को न्याय के लिए दर-दर भटकना पड़ता है, महिलाओं पर अत्याचार होने पर उनकी आवाज नहीं सुनी जाती। महिलाओं पर अत्याचर कर उनकी हत्या कर दी जाती है और आप झूठे दावों में व्यस्त रहते हैं।”
..उस मां को जनवरी से दौड़ाता रहा? किसने इस बिटिया की मां की गुहार नहीं सुनी?@myogiadityanath जी आप अपने भाषणों में कानून व्यवस्था की बात करना छोड़ दीजिए। आपके प्रशासन में महिलाओं को न्याय के लिए दर-दर भटकना पड़ता है, महिलाओं पर अत्याचार होने पर उनकी आवाज सुनी ही नहीं जाती,..2/3
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) February 12, 2022
जानिए क्या है उन्नाव मामला
उन्नाव (Unnao rape case) के सदर कोतवाली क्षेत्र में रहने वाली एक दलित महिला की बेटी बीते 8 दिसंबर 2021 से लापता थी। बेटी के गायब होने पर परिजनों ने 9 दिसंबर को ही पूर्व मंत्री के बेटे रजोल सिंह के खिलाफ तहरीर देते हुए बेटी के अपहरण का मुकदमा दर्ज करवाया था। वहीं मामला में सपा के पूर्व राज्यमंत्री और कद्दावर नेता रहे फतेहबहादुर के बेटे का नाम होने के कारण पुलिस लगातार मामले में देरी कर रही थी। बेटी लापता होने के बाद कोई ठोस कदम न उठाएं जाने और आरोपी राजोल सिंह के खुलेआम घूमने को लेकर पीड़िता की मां कई बार आला अधिकारियों से मिली, लेकिन कार्रवाई के नाम पर कुछ नहीं किया गया। अधिकारियों से परेशान लापता बेटी की मां अफसरों की चौखट पर न्याय की गुहार लगाती रही लेकिन किसी ने उसकी नहीं सुनी। जिसके बाद 24 जनवरी को लखनऊ में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की गाड़ी के आगे कूदकर पीड़ित की मां ने आत्मदाह की कोशिश की।