अलीगढ़: उत्तर प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के निधन पर उन्हें श्रद्धांजलि देने को लेकर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में विवाद शुरू हो गया है। यूनिवर्सिटी कैम्पस में वाईस चांसलर के खिलाफ पोस्टर लगाते हुए कल्याण सिंह के निधन पर शोक जताने की निंदा की गई है। दरअसल AMU वाईस चांसलर तारिक मंसूर ने प्रेस रिलीज जारी करते हुए कल्याण सिंह के निधन पर शोक जताया था। इसके बाद यूनिवर्सिटी में उनके विरोध में पोस्टर लगाए जाने लगे। पोस्टर लगाने वाले ने खुद बताया कि वह AMU का ही छात्र है।
दरअसल विरोधियों का कहना है कि कल्याण सिंह बाबरी मस्जिद विध्वंस के दोषी हैं। इसलिए ही जब AMU द्वारा उनके निधन पर शोक जताया गया तो कैंपस में विरोध करने वाले पोस्टर लगाए गए। इन पोस्टर्स में लिखा है कि पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के निधन पर उप कुलपति की श्रद्धांजलि सिर्फ शर्मनाक नहीं है बल्कि ये हमारी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली भी है। ये AMU की संस्कृति, परंपराओं और मान्यताओं के खिलाफ है। कल्याण सिंह बाबरी मस्जिद विध्वंस के दोषी होने के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना करने के भी दोषी हैं। ऐसे में उप कुलपति की श्रद्धांजलि ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की परंपरा और अलीगढ़ आंदोलन को बदनाम किया है जो कि न्याय और पारदर्शिता पर विश्वास करता है। हम यूनिवर्सिटी वाइस चांसलर के इस कृत्य की निंदा करते हैं क्योंकि वो ऐसी पार्टी के समर्थक हैं जो कि फासिज़्म पर भरोसा रखती है। AMU के छात्र और इतिहास उन्हें कभी माफ नहीं करेगा। कैंपस में जो पोस्टर्स लगाए गए हैं उसमें ये भी लिखा है कि विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा इस प्रकार शोक ज़ाहिर करना भावनाओं को आहत करने वाला है। जो इतिहास में हुआ है वह किसी से छुपा नहीं है। ये ALIG बिरादरी की भावनाओं पर चोट है। बता दें कि कैंपस में उर्दू, हिंदी और अंग्रेज़ी तीनों भाषाओं में पोस्टर्स लगाए गए हैं।
विरोध व्यक्त करते हुए यूनिवर्सिटी कैंपस में लगाए गए पोस्टर्स के बारे में विश्वविद्यालय के प्रॉक्टर प्रोफेसर वसीम अली ने कहा कि कैंपस खाली हैं, इस समय कैंपस में छात्र नहीं है। ये किसी शरारती तत्वों की हरकत है जिसने दो-तीन जगह ऐसे पोस्टर्स लगाएं हैं। हालांकि इस बारे में जानकारी मिलते ही इन्हें हटा दिया गया है। इसके साथ ही विश्वविद्यालय कुलपति ने इस मामले की जांच के आदेश भी दिए हैं।