लखनऊ: उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनावों ने भाजपा की सियासत को तेज़ कर दिया है और पार्टी चुनावों की रणनीति तैयार करने में जुट गई है। पार्टी की एक के बाद एक बैठकें हो रही हैं। बता दें कि फिलहाल प्रदेश में कोरोना संकट से निपटने को लेकर हो रही योगी सरकार की आलोचना से पार्टी में हलचल मची हुई है।
बीते सोमवार को भाजपा के महासचिव बीएल संतोष और केंद्रीय मंत्री राधामोहन सिंह दिल्ली से लखनऊ पहुंचे। जिसके बाद से उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्रिमंडल में विस्तार की चर्चाएं तेज़ हो गई। बता दें कि भाजपा में सोमवार से ‘फीडबैक ड्राइव’ की शुरुआत हुई है जिसके उपलक्ष्य में बीएल संतोष और राधा मोहन सिंह उत्तर प्रदेश के सभी मंत्रियों से मुलाकात कर रहे हैं। इसके साथ ही बीएल संतोष अब प्रदेश के दोनों उप मुख्यमंत्रियों से मुलाकात करेंगे।
बता दें कि बीते दिनों उपमुख्यमंत्रियों के बदलने की चर्चाएं चल रही थी हालांकि सूत्रों के अनुसार अब ऐसी कोई खबर नहीं हैं। बीजेपी महासचिव बीएल संतोष और केंद्रीय मंत्री राधामोहन सिंह कोरोना काल में पार्टी के कार्यों की समीक्षा कर रहे हैं। बीते कुछ समय से विपक्ष लगातार कोरोना काल में योगी सरकार की असफलताओं पर आरोप लगा रहा है। विपक्ष ने योगी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार के उदासीन बर्ताव के कारण ही उत्तर प्रदेश में भारी संख्या में लोगों की कोरोना से मौत हुई है।
उत्तर प्रदेश की नदियों में प्रवाहित होते और किनारों पर दफनाए जा रहे शव सरकार की नाकामी के राज खोल रहे है। हालांकि सरकार मीडिया पर गलत रिपोर्टिंग के आरोप भी लगा रही है। सरकार का कहना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं प्रदेश के जिलों का दौरा कर स्थिति का आकलन कर रहे हैं।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के जिला सीतापुर से पिछले हफ्ते एक बीजेपी विधायक का बयान सामने आया था। विधायक ने अपने बयान में कहा था कि उनके जैसे विधायकों की कोई गिनती नहीं की जाती। इसके अतिरिक्त सालों से ट्रामा सेंटर पर लगे ताले के विषय में जब विधायक राकेश राठौड़ से प्रश्न किया गया तो उन्होंने कहा कि उनके जैसे विधायकों की कोई हैसियत नहीं है यदि वह अधिक बोलेंगे तो उनपर देशद्रोह का मुकदमा दायर कर दिया जाएगा।