वाशिंगटन: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जोसेफ आर बिडेन की मेज़बानी में शुक्रवार को आयाेजित चतुष्कोणीय फ्रेमवर्क (क्वाड) की प्रथम शिखर सम्मेलन से पहले यहां इस चार सदस्यीय गठजोड़ के दो अहम सदस्यों -ऑस्ट्रेलिया एवं जापान के प्रधानमंत्रियों से मुलाकात की तथा स्वतंत्र, खुले, समृद्ध एवं समावेशी हिन्द प्रशांत क्षेत्र के लक्ष्य को हासिल करने के लिए सहयोग को बढ़ाने का संकल्प व्यक्त किया।
मोदी ने अमेरिका यात्रा के आज दूसरे दिन कारोबारी जगत के पांच शीर्ष प्रतिनिधियों से मिलने के बाद पहली कूटनीतिक बैठक ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मौरिसन के साथ की। प्रधानमंत्री कार्यालय ने करीब आधे घंटे की इस मुलाकात के बाद ट्वीट करके कहा कि मोदी ने मौरिसन के साथ अनेक विषयों पर बातचीत की जिनका मकसद भारत एवं ऑस्ट्रेलिया के बीच आर्थिक एवं जनता के बीच पारस्परिक संबंधों को गहन एवं मजबूत बनाना है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि दोनों नेताओं ने हाल की तमाम क्षेत्रीय एवं वैश्विक घटनाओं के अलावा कोविड-19 महामारी, व्यापार, रक्षा, स्वच्छ ऊर्जा एवं अन्य मुद्दों पर द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने के बारे में चर्चा की। बाद में विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय समग्र आर्थिक सहयाेग करार (सीका) को लेकर चल रही बातचीत पर संतोष जताया और दिसंबर 2021 तक इसे पूरा करने के इरादे को दोहराया। दोनों प्रधानमंत्रियों ने एक स्वतंत्र, खुले, समावेशी, समृद्ध एवं नियम आधारित व्यवस्था वाले हिन्द प्रशांत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए निकट सहयोग जारी रखने का भी संकल्प व्यक्त किया।
प्रधानमंत्री की दूसरी द्विपक्षीय बैठक अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस से हुई। मोदी ने कोविड महामारी के दौरान भारत को अमेरिका से मिली मदद के लिए उनका हार्दिक आभार व्यक्त किया और उन्हें भारत आने का न्योता दिया। दोनों नेताओं ने क्षेत्रीय एवं वैश्विक घटनाओं पर चर्चा की और माना कि भारत एवं अमेरिका समान मूल्यों एवं भूराजनीतिक हितों के स्वाभाविक साझीदार हैं। विदेश मंत्रालय के अनुसार बैठक में दोनों पक्षों ने स्वास्थ्य, शिक्षा, जलवायु परिवर्तन के मुद्दों पर चर्चा की। प्रधानमंत्री ने उन्हें भारत के राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन के बारे में जानकारी दी तथा पर्यावरण के संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए जीवनशैली में बदलाव के महत्व पर जोर दिया। दोनों नेताओं ने ज्ञान, नवान्वेषण एवं शिक्षा के लिए प्रतिभाओं को सहेजने की जरूरत पर बल दिया और अंतरिक्ष, सूचना प्रौद्योगिकी सहित उभरती तकनीकों के क्षेत्र में सहयोग की संभावना पर चर्चा की।
मोदी की तीसरी मुलाकात हिन्द प्रशांत क्षेत्र में अपने सबसे प्रगाढ़ एवं विश्वसनीय सहयोगी जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा से हुई। हालांकि दोनों नेताओं के बीच तीन बार टेलीफोन पर बातचीत हो चुकी है। लेकिन उनकी रूबरू द्विपक्षीय मुलाकात आज पहली बार हुई। सुगा ने मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया। भारतीय प्रतिनिधिमंडल में भारतीय प्रतिनिधिमंडल में विदेश मंत्री एस जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला, अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू और विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव (अमेरिका) वाणी राव शामिल थीं।
राजनयिक सूत्रों के अनुसार दोनों नेताओं ने भारत एवं जापान के बीच विशेष रणनीतिक एवं वैश्विक साझीदारी के फ्रेमवर्क के अंतर्गत बहुआयामी घनिष्ठ सहयोग में प्रगति की समीक्षा की और भविष्य की प्राथमिकताओं पर चर्चा की। कोविड महामारी के कारण भारत जापान वार्षिक शिखर बैठक का सिलसिला दो वर्ष से ठप्प है। मोदी ने सुगा को भारत आने का निमंत्रण दिया।