नई दिल्ली: मोदी मंत्रिमंडल के विस्तार की खबरें लंबे समय से चल रहीं थीं और आखिरकार बुधवार को मंत्रिमंडल का विस्तार हो ही गया। मोदी सरकार ने कैबिनेट में विस्तार करते समय उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर ख़ास रणनीति अपनाई है। जिसके तहत उत्तर प्रदेश से सबसे अधिक 7 मंत्रियों को कैबिनेट में जगह दी गई है। इन साथ मंत्रियों में 3 दलित, 3 ओबीसी और एक ब्राह्मण चेहरा शामिल है। ऐसे में कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश में जातीय और क्षेत्रीय संतुलन बनाकर एक मज़बूत चक्रव्यूह गढ़ दिया है जिसे भेद पाना काफी मुश्किल है।
उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए कैबिनेट में प्रदेश से 7 मंत्री बनाए गए हैं। जिनमें पंकज चौधरी, बीएल वर्मा, भानु प्रताप वर्मा, अजय मिश्र, एसपी सिंह बघेल और कौशल किशोर BJP से शामिल किए गए हैं। शेष एक मंत्री अपना दल से अनुप्रिया पटेल को बनाया गया है। पीएम मोदी ने जातीय और क्षेत्रीय संतुलन बनाते हुए इन मंत्रियों को मंत्रिमंडल में जगह दी है। बता दें कि पहले से ही यूपी से कैबिनेट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत 9 मंत्री हैं और अब 7 अन्य को शामिल करने पर यह आंकड़ा 16 हो गया है। गौरतलब है कि इसके अलावा कैबिनेट में 5 सवर्ण भी मौजूद हैं। जिनमें रक्षामंत्री रजनाथ सिंह, जनरल वीके सिंह, स्मृति ईरानी, हरदीप पुरी और डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय का नाम शामिल है और अब एक अन्य सवर्ण को जोड़कर विपक्ष द्वारा लगाए गए भेदभाव के आरोप को गलत करने की कोशिश भी की गई है।
वहीं पूर्वांचल में पिछड़ों में कुर्मी समुदायों का यादवों की ही तरह सियासी दबदबा है और ऐसे में सभी राजनीतिक दलों की नज़र इसपर बनी रहती है। भाजपा ने इसे भी अपनी तरफ लेने के लिए अपना दांव चल दिया है। दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गोरखपुर बेल्ट से कुर्मी समुदाय के पंकज चौधरी को मंत्रिमंडल का हिस्सा बनाया है। बता दें कि पंकज चौधरी महराजगंज से 6 बार सांसद बने हैं। वहीं दूसरी तरफ भाजपा ने अपना दल की अनुप्रिया पटेल जो कि ओबीसी के कुर्मी समुदाय से आती हैं उन्हें मंत्रिमंडल में जगह देकर UP के 7 प्रतिशत कुर्मी मतदाता को साधने की भी कोशिश की है।
बता दें कि यूपी में ये 7 प्रतिशत कुर्मी मतदाता सूबे के तीन दर्जन विधानसभा सीटों और 8 से 10 लोकसभा सीटों पर निर्णायक भूमिका निभाते हैं। इसी तरह पश्चिमी उत्तर प्रदेश से आगरा के सांसद एसपी बघेल जो कि अनुसूचित जाति से आते हैं उन्हें भी मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। हालांकि माना जाता है कि वे पाल जाति से हैं और बघेल समाज प्रदेश में अति पिछड़ी जाति मानी जाती है। बघेल समाज का बृज के क्षेत्र में अच्छा राजनीतिक आधार है। एसपी बघेल पहले सपा से बसपा में आए और उसके बाद भाजपा में शामिल हुए। एसपी बघेल को कैबिनेट में जगह देकर पीएम मोदी ने बघेल और पाल दोनों जातियों के मतों को बटोरने का दांव चला है।
इसके अतिरिक्त नरेंद्र मोदी ने बीएल वर्मा को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल करके लोध समुदाय, कौशल किशोर को शामिल करके दलित वर्ग के पासी समुदाय, भानु प्रताप वर्मा को शामिल करके दलित वर्ग के कोसी समुदाय और अजय मिश्र को शामिल करके ब्राह्मण वोट हासिल करने का चक्रव्यूह गढ़ चुके हैं। इस प्रकार मोदी मंत्रिमंडल में उत्तर प्रदेश से अब 16 मंत्री हो गए हैं। क्योंकि सूबे में लोकसभा की कुल 80 सीटें और 75 जिले हैं तो हर मंत्री को 5 जिलों की ज़िम्मेदारी दी जाएगी।