लखनऊ: अलीगढ़ के नूरपूर गांव से हिन्दू परिवारों के पलायन का मामला आगे बढ़ता नज़र आ रहा है। इस दौरान विश्व हिंदू परिषद नेत्री साध्वी प्राची के मस्जिद में हवन कराने की घोषणा के बाद दूसरे समुदाय की चिंता बढ़ गई है। साध्वी प्राची की इस घोषणा के आगामी परिणामों का अनुमान लगाते हुए गांव में पुलिस की टीमें तैनात कर दी गई है।
दरअसल 26 मई को टप्पल थाना क्षेत्र के नूरपुर गांव में गाजे-बाजे के साथ बहुसंख्यक समाज के एक युवक की
बारात मस्जिद के सामने से गुज़र रही थी। मस्जिद के सामने गाजे-बाजे का विरोध करते हुए दूसरे समुदाय ने इस पर आपत्ति जताई। जानकारी के मुताबिक दूसरे समुदाय के लोगों ने बारातियों पर ढेले-पत्थर चलाये और उन पर लाठियां भी बरसाई। पत्थरबाजी में गाड़ियों के शीशे टूट गए और कई लोगों को चोट भी आई। बता दें कि इस घटना के बाद हिन्दू परिवारों ने अपने घरों के बाहर ‘ये मकान बिकाऊ है’ जैसे पोस्टर लगा दिए। तभी से हिन्दू परिवार के नूरपुर गांव से पलायन की खबरें सामने आने लगी।
नेत्री साध्वी प्राची ने दूसरे समुदाय के दलितों पर इस प्रकार से हमला करने के बाद मस्जिद में हवन की घोषणा कर दी। जिसके बाद से इलाके में भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई। हालांकि साध्वी प्राची स्वयं रविवार को गांव नहीं पहुंची, लेकिन भगवा दलों के कई कार्यकर्ता गांव तक गए। लेकिन पुलिसकर्मियों ने उन्हें गांव में जाने की अनुमति नहीं दी। साध्वी प्राची का दौरा अभी तक रद्द नहीं हुआ जिस कारण गांव में चिंता का दौर जारी है।
जब दलितों पर हमले की वीडियो वायरल हुई तो अलीगढ़ से भाजपा सांसद सतीश गौतम के और विधायक अनूप प्रधान गॉंव पहुंचे। उन्होंने पीड़ित परिवारों को उनकी सुरक्षा को लेकर सांत्वना दी। हालांकि उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि किसी को कानून हाथ में लेने की अनुमति नहीं है, सरकार द्वारा दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।