रांची: झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो बीते दिनों कोरोना संक्रमित थे। हालांकि अब वे स्वस्थ है और अब सभी प्रकार के शिक्षा कार्यक्रमों में शामिल हो रहे हैं। वे झारखंड एकेडमिक काउंसिल द्वारा इंटरमीडिएट रिजल्ट प्रकाशन के संबंध में जैक कार्यालय पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि अगर ज़िंदा रहा तो मैं अगले साल इंटरमीडिएट की परीक्षा दूंगा और पास भी करूंगा। दरअसल जगरनाथ महतो केवल दसवीं पास हैं और ऐसे में उनकी शैक्षणिक योग्यता को लेकर सोशल मीडिया पर तरह-तरह से सवाल खड़े हो रहे है।
झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने मैट्रिक तक की पढ़ाई की है और उनकी शैक्षणिक योग्यता को लेकर सोशल मीडिया से लेकर राजनीतिक गलियारों में सवाल उठाए जा रहे हैं। शिक्षा मंत्री जगरनाथ ने ऐसे लोगों का मुंह बंद कराने के लिए अगस्त 2020 में अपने ही विधानसभा क्षेत्र डुमरी के देवी महतो स्मारक इंटर महाविद्यालय नावाडीह में अपना दाखिला करवाया था। उनका कहना है कि पढ़ाई के लिए उम्र की कोई सीमा नहीं होती। गौरतलब है कि जिस महाविद्यालय में उन्होंने अपना दाखिला करवाया था उसकी स्थापना स्वयं जगरनाथ महतो ने ही की थी। अपने एडमिशन के बाद जगरनाथ महतो पढ़ाई को लेकर काफी सक्रिय भी नज़र आए थे। लेकिन एडमिशन लेने के अगले महीने ही जगरनाथ कोरोना संक्रमित हो गए जिसके बाद उन्हें रिम्स के कोविड-19 वार्ड में भर्ती कराया गया। लेकिन जब उन्हें सांस लेने में परेशानी होने लगी तो उन्हें रांची के एक निजी अस्पताल में भर्ती करा दिया गया। इसके बावजूद भी उनकी स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ और फिर उन्हें एयरलिफ्ट के माध्यम से चेन्नई के एमजीएम अस्पताल में भर्ती कराया गया। कोरोना संक्रमण के कारण उनके लंग्स पूरी तरह से खराब हो गए थे, इसलिए उनका लंग्स ट्रांसप्लांट किया गया। लंबी बीमारी से स्वस्थ होने के बाद जगरनाथ एक महीने पहले ही इलाज करवाकर रांची पहुंचे। अब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उन्हें शिक्षा विभाग सौंप दिया है। हालांकि उनका स्वास्थ्य अब भी थोड़ा नाज़ुक है लेकिन वे अब सक्रिय है। यही नहीं जब वे अस्पताल में थे तब भी वे अपने क्षेत्र की समस्याओं को फोन पर सुनते थे।
झारखंड एकेडमिक काउंसिल ने मैट्रिक और इंटरमीडिएट का परिणाम घोषित कर दिया है। इस बीच शिक्षा मंत्री जगरनाथ ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि कोरोना से पूरा देश ही नहीं बल्कि पूरा विश्व प्रभावित हुआ है। इसका सबसे अधिक प्रभाव शिक्षा के क्षेत्र पर पड़ा है। इस दौरान उन्होंने बताया कि कैसे वे इस महामारी से जूझ रहे थे और मौत से लड़कर आज सबके सामने मौजूद हैं। इस बीच जब उन्हें उनके इंटर में दाखिला लिए जाने की बाद याद दिलाई गई तो शिक्षा मंत्री ने कहा कि उन्होंने इंटर पास करने के लिए ही दाखिला लिया था लेकिन उनकी तबियत बिगड़ने के कारण पूरा साल बर्बाद हो गया। जगरनाथ ने कहा कि अगर मैं ज़िंदा रहा तो अगले साल इंटरमीडिएट की परीक्षा दूंगा और पास भी करूंगा।