बंगलुरु में विपक्षी दलों की बैठक से पहले उनके कुम्बे के लिए अच्छी खबर है कि आगामी बैठक में देशभर की 24 विपक्षी पार्टियां शामिल होंगी। बंगलुरु में ये बैठक 17 -18 जुलाई को प्रस्तावित है। इससे पहले पटना में 23 जून को हुई विपक्षी दलों की पहली बैठक में पटना में अलग अलग राज्यों से 15 पार्टियां इकट्ठा हुई थी।
बेंगलुरु में होने वाली बैठक में उत्तर प्रदेश से राष्ट्रिय लोक दल (आरएलडी) की तरफ से पार्टी अध्यक्ष जयंत चौधरी शामिल होंगे। जयंत पटना में हुई पिछली बैठक में उपस्थित नहीं हुए थे।
सूत्रों के मुताबिक़ इस बार की बैठक में आम आदमी पार्टी (आप) के दोबारा से शामिल होने की भी पुष्टि हो चुकी है। आप हालांकि दिल्ली के अध्यादेश के मामले को लेकर कांग्रेस के समर्थन के एलान के इंतज़ार में थी, लेकिन ख़बरों के अनुसार, वो बंगलुरु की बैठक में शामिल होने को राज़ी हो गई है।
हालांकि आप और कांग्रेस के बीच दिल्ली के अध्यादेश को लेकर अब भी तनातनी बनी हुई है, क्योंकि अब तक कांग्रेस ने ये साफ नहीं किया है कि दिल्ली अध्यादेश पर वो केजरीवाल की पार्टी का समर्थन करेगी या नहीं।
बंगलुरु में होने वाली जिन 24 राजनितिक दलों की सहमति बनी है उनमे कांग्रेस, जेडीयू, आरजेडी, आप, समाजवादी पार्टी, आरएलडी, टीएमसी, जेएमएम, डीएमके, सीपीआई, सीपीआई-एमएल, सीपीएम, शिवसेना, एनसीपी, पीडीपी, नेशनल कॉन्फ्रेंस, एमडीएमके, केडीएमके, फॉरर्वड ब्लॉक, केरल कांग्रेस (जे), आरएसपी, आईयूएमएल, वीसीके, केरल कांग्रेस- एम।
बंगलुरु में होने वाली विपक्षी दलों की बैठक में कांग्रेस की तरफ से इस बार पार्टी अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे और राहुल गाँधी के इलावा सोनिया गांधी के भी शामिल होने की उम्मीद है।
सूत्रों के मुताबिक़ 17 -18 जुलाई को बंगलुरु में होने वाली बैठक से पहले सोनिया गांधी ने सभी विपक्षी दलों के नेताओं को को डिनर पर भी बुलाया है। इस डिनर पार्टी के लिए कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी को भी न्योता भेजा है।
खबर है कि बेंगलुरु की बैठक में कम से कम तीन वर्किंग ग्रुप बनाये जाने की घोषणा हो सकती है। जिसमें सबसे महत्वपूर्ण कॉमन मिनिमम प्रोग्राम तैयार करना और समान मुद्दों को तलाशना ताकि समूचा विपक्ष इकट्ठा होकर 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ सके।
दूसरा वर्किंग ग्रुप विभिन्न राज्यों में गठबंधन की रूप रेखा तैयार करेगा। इसमें यह पहले से तय किया जायेगा कि क्षेत्रीय दलों के साथ यह गठबंधन सिर्फ 2024 लोकसभा चुनाव तक के लिए होगा। इसी ग्रुप का काम होगा कि किस प्रकार भाजपा के खिलाफ विपक्ष का एक ही उम्मीदवार उतारा जाए।
तीसरा वर्किंग ग्रुप अगले माह अगस्त से विभिन्न राज्यों में विपक्षी नेताओं की साझा रैलियों की तारीखों पर काम करेगा। सम्भावना जताई जा रही है कि इस बैठक में विपक्षी दल अपने फ्रंट के नाम और संयोजक के नाम पर भी चर्चा होगी। संयोजक के रूप में बिहार के मुख्या मंत्री और जदयू नीतिश कुमार का नाम सबसे ज़्यादा चर्चा में है।