उत्तर प्रदेश के नोएडा (Noida, Uttar Pradesh) में सेक्टर 93-A स्थित सुपरटेक (Supertech) के अवैध ट्विन टावर (Twin Tower) को आज ढहा दिया गया। नॉएडा के ट्विन टावर बनने के बाद से हमेशा विवादों में रही, लेकिन इसको ज़मींदोश करने में सम्बंधित अधिकारियों को 12 वर्ष का समय लग गया, असम्भव लगने वाली ये बात संभव भी तब हुई जब कुछ स्थानीय निवासियों ने उच्चतम न्यायालय में बारह सालों तक लम्बी लड़ाई लड़ी, तब जा कर उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) का फैसला इनके हक़ में आया, और 12 सालों से खड़ी भ्रष्टाचार की ये दो इमारतें नौ सेकंड में धड़ाम हो गई।
90 करोड़ की लागत से बनी इन दोनों बहुमंज़िला इमारतों को आज ढ़हाने में भी 20 करोड़ का खर्च आया। भ्रष्टाचार के इस ट्विन टावर को ढहाने के लिए नॉएडा अथॉरिटी (Noida Authority) प्रशासन द्वारा व्यापक तैयारी की गई थी। नॉएडा के सेक्टर 93 को जोड़ती सभी सड़कों को सुबह दस बजे से बंद कर दिया गया था, साथ ही पास से गुज़रते ग्रेटर नॉएडा एक्सप्रेसवे को भी बिल्डिंग को ब्लास्ट करने के आधा घंटे पहले से बंद कर सुनश्चित किया गया कि कुछ देर तक इस पर भी किसी तरह की कोई आवाजाही ना हो।
रविवार दोपहर में ठीक ढाई बजे विस्फोट किया गया, जिसके बाद नौ सेंकेंड के अंदर 40 मंजिला दोनों इमारतें पूरी तरह मलबे में तब्दील हो गईं। वहीं, इमारत के टूटते ही बादल की गर्जन जैसी तेज़ गड़गड़ाहट हुई और धूल का बड़ा गुबार उठा, जो चंद सेकंड में ही पूरे इलाक़े में फैल गया।
दिल्ली के कुतुब मीनार से भी ऊंची 100 मीटर की इन विवादित इमारतों को गिराने के लिए 3700 किलोग्राम से अधिक विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया। भ्रष्टाचार की इन इमारतों को गिरते हुए लोगों ने जब देखा तो तालियां बजा कर अपनी ख़ुशी का इज़हार किया और साथ ही उच्चतम न्यायालय का धन्यवाद भी किया।
उच्चतम न्यायालय ने एमिरेल्ड कोर्ट सोसाइटी परिसर के बीच पार्क की जगह पर बने इस निर्माण को नियमों का उल्लंघन बताया था, जिसके बाद इसको ढहाने का आदेश दिया था, जिसको नॉएडा अथॉरिटी ने पूरा किया। दोनों बिल्डिंग को ढहाने का काम बहुत ही सुरक्षित तरीके से अंजाम दिया गया जिसके बाद वाटर कैनन का इस्तेमाल कर धुंए और धूल के ग़ुबार को कम करने का भी काम शुरू कर दिया गया।
ट्विन टावर के पास मौजूद दो सबसे नजदीकी सोसायटी, एमराल्ड कोर्ट और एटीएस विलेज (ATS VIllage) के पांच हज़ार से ज़्यादा निवासियों और उनके लगभग 200 से अधिक पालतू जानवरों को रविवार सुबह 7 बजे तक वहां से निकाल दिया गया था। दोनों परिसरों से लगभग तीन हज़ार वाहन भी अथॉरिटी द्वारा हटा दिए गए थे.
लगभग 100 मीटर ऊंचे ट्विन टावर को सुरक्षित रूप से ढहाने का जिम्मा एडफिस इंजीनियरिंग को सौंपा गया था। कंपनी ने इस जोखिम भरे काम के लिए दक्षिण अफ्रीका की जेट डिमॉलिशन्स से हाथ मिलाया, इन कंपनियों को दोनों टावर को कुछ इस तरह से गिराना था कि महज़ नौ मीटर की दूरी पर स्थित आवासीय इमारतों को कोई नुकसान न पहुंचे, और हुआ भी बिलकुल ऐसा ही। आस पास मौजूद सभी इमारतें पूरी तरह सुरक्षित रहीं और किसी को भी कोई नुकसान नहीं पहुंचा।
और इस तरह भरष्टाचार को करारी चोट पहुंचाते हुए गगन चुम्बी ट्विन टावर को धराशाई कर दिया गया जो अन्य बिल्डर माफियाओं को भी बड़ा सबक़ दे गया कि भरष्टाचार की इमारत ज़्यादा दिनों तक खड़ी नहीं रह सकती।