बिहार (Bihar) की सियासत में आने वाले 48 घंटे काफी महत्वपूर्ण हैं। माना जा रहा है कि अगले दो दिनों में बिहार की राजनीती एक नई करवट ले सकती है, यानी जल्द ही बिहार में बड़ा खेला होने के पुरे आसार हैं। विश्वस्त सूत्रों के अनुसार बिहार के मुख्य मंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) बिहार में चल रहे भाजपा-जदयू गठबंधन को लेकर अगले 24 घंटों में कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं।
बताया जा रहा है कि बिहार में भी महाराष्ट्र जैसा बड़ा खेला होने वाला था, लेकिन राजनीती के माहिर खिलाड़ी माने जाने वाले नीतीश कुमार, समय रहते ही सारा गेम समझ गए और बिहार के होने वाले ‘एकनाथ शिंदे’ के लिए तुरंत फील्डिंग टाइट कर दी गई। ज्ञात हो कि पूर्व केंद्रीय मंत्री RCP सिंह (Former Union Minister RCP Singh) कुछ दिनों पहले नालंदा पहुंचे थे जहां ‘हमारा मुख्यमंत्री कैसा हो, RCP Singh जैसा हो’ के नारे लगे थे। इसके बाद से ही नीतीश के कान खड़े हो गए और उन्होंने RCP के इर्द-गिर्द घेराबंदी शुरू कर दी। इससे पहले कि RCP जदयू के लिए एकनाथ शिंदे साबित होते उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता देखना पड़ गया।
RCP कभी नीतीश के राइट हैंड माने जाते थे लेकिन, जिस केंद्र की सरकार में संख्यात्मक आधार पर नीतीश कुमार शामिल नहीं हुए, उसी सरकार में जदयू (JDU) का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद RCP ने अपने आप को सेट कर लिया था, यहीं से दोनों के रास्ते अलग होने शुरू हो गए थे। इसके बाद जातीय जनगणना मामले पर भी पार्टी की राय से अलग RCP सिंह भाजपा की भाषा बोलते सुनाई देने लगे थे। ऐसे में नीतीश कुमार को RCP सिंह पूरी तरह खटकने लगे, और अंततः उन्हें जदयू की राज्यसभा की उम्मीदवारी से हाथ धोना पड़ा और उसके बाद केंद्रीय मंत्रिपद भी हाथ से फिसल गया।
बताया जाता है कि बिहार वापस आने के बाद भी RCP की भाजपा से नज़दिमियाँ कम नहीं हुई और शायद उन्हें बिहार का शिंदे बनाने की तैयारी चल रही थी, जिसे नीतीश ने तुरंत भांप लिया और उन्हें पहले ही पार्टी से दरकिनार होने पर मजबूर कर दिया।
शनिवार को जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि RCP सिंह बगैर नीतीश कुमार की सहमति के केंद्रीय कैबिनेट में शामिल हो गए थे। उन्होंने कहा कि चिराग पासवान की ही तरह JDU के खिलाफ एक और साजिश चल रही थी, लेकिन इसका खुलासा वक्त आने पर करेंगे। भाजपा के साथ अपने गठबंधन पर ललन ने कहा कि आज हैं कल किसका भरोसा। साफ़ है कि नीतीश कुमार और उनकी पार्टी अब अब पलटवार की तैयारी में पूरी तरह से जुट गई है और बहुत जल्द नीतीश कुमार भाजपा के साथ अपने गठबंधन पर बड़े फैसले की घोषणा कर सकते हैं।
इस बीच राजद से नीतीश की नज़दीकियां एक बार फिर चर्चा में है और सूत्रों के अनुसार बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) से उनकी अकेले में लम्बी मुलाक़ात भी हो चुकी है। यानी बिहार में सियासी बदलाव की पूरी पटकथा लिखी जा चुकी है, बस समय का इंतज़ार है जब इसकी औपचारिक घोषणा की जायेगी। संभावना है कि 10 और 11 अगस्त के बीच कभी भी बिहार में नए बदलाव की गूंज सुनाई दे सकती है।
नीतीश कुमार ने मंगलवार को पटना में पार्टी के सभी विधायकों और सांसदों की एक अहम् बैठक बुलाई है, जिसे लेकर अटकलें तेज़ हो गई हैं कि इस बैठक के बाद नीतीश बीजेपी के खिलाफ कोई फैसला ले सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक़ उसी दिन शाम में या बुधवार को राजद ने भी अपने सभी विधायकों और नेताओं को पटना में रहने को कहा है। देखना दिलचस्प होगा कि नीतीश और राजद की एक बार फिर दोस्ती का एलान कब और किन परिस्थितितों में होता है।