नई दिल्ली: सुप्रसिद्ध शायर मुनव्वर राना पिछले कुछ समय से विवादित बयान दे रहे हैं जिसकी वजह से वे खबरों में बने हुए हैं। लेकिन अब मुनव्वर राना के तेवर बदलते नजर आ रहे हैं। मुनव्वर राना ने अपने बयानों से यू-टर्न लेते हुए कहा कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इश्क़ करते हैं और इसलिए उनके भारत माफियाओं के पास तालिबान से ज़्यादा हथियार होने वाले बयान को गंभीरता से नहीं लेना चाहिए। मुनव्वर राना ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि अगर योगी आदित्यनाथ प्रधानमंत्री बन जाते हैं तो शायद वो लोगों से प्रेमपूर्वक मुलाकात करेंगे।
दरअसल अफगानिस्तान में तालिबान का पूरी तरह कब्ज़ा हो गया है। जिसके बाद मुनव्वर राना ने कहा था कि तालिबान से ज़्यादा हथियार भारत के माफियाओं के पास है। यही नहीं मुनव्वर राना पर तालिबान की तुलना महर्षि वाल्मीकि से किए जाने का आरोप लगाया गया था और इस संदर्भ में उनके खिलाफ लखनऊ में लिखित शिकायत दर्ज कराई गई थी। अब मुनव्वर राना ने अपने हथियारों को लेकर दिए गए बयान पर सफाई दी है। उन्होंने कहा कि मेरे इस बयान को गंभीरता से नहीं लेना चाहिए। क्योंकि भारत एक मुल्क है जबकि तालिबान एक जंगली कौम है। अगर देश में 10 से 20 हथियार भी हैं तो यह अनुचित है। हालांकि मैंने कोई तुलना नहीं की थी और देश में कितने हथियार हैं इसका लेखा-जोखा तो पुलिस के पास होगा। मुनव्वर राना ने कहा कि उनकी बातें शायराना अंदाज़ में थी और ये कोई बड़ी बात नहीं है।
मुनव्वर राना से जब मोदी सरकार में देश के विकास को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि मैं मोदी जी को पसंद करता हूँ और ये मेरी कमज़ोरी हैं कि मैं PM मोदी से इश्क़ करता हूं। मुनव्वर राना ने बताया कि जब मैंने अवार्ड वापस कर दिया था तो वे मुझसे नाराज़ थे। लेकिन मेरी माँ के निधन पर मोदी जी ने मुझे पत्र लिखा था जिसके बाद मैं बहुत शर्मिंदा हुआ। मुव्वर राना ने आगे बताया कि जब मैं प्रधानमंत्री से मिलने गया तो मैंने उनसे कहा कि सर मैं शर्मिंदा हूं इसलिए मिलने आया हूँ। जब मैंने अपना अवार्ड वापस किया था तो आपने पीए के माध्यम से मुझे बुलाया था लेकिन मैं नहीं आ पाया था। मैंने पीएम से कहा कि अगर सबका साथ सबका विकास नारे पर पूरी तरह अमल हो जाये तो मैं उन्हें इतिहास के पन्नो पर सम्राट अशोक की तरह देखना चाहता हूं न कि एक दागदार प्रधानमंत्री की तरह।
इसके बाद मुनव्वर राना से उनके अल्पसंख्यकों के सुरक्षित नहीं होने वाले बयान पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि मैंने ऐसा कभी नहीं कहा है। इस संबंध में कोई रिकॉर्ड नहीं हो सकता है। अल्पसंख्यक का मतलब गरीबों से हैं न कि सिख समुदाय, ईसाई या कोई और धर्म। मुनव्वर राना ने कहा कि असल समस्या ये हैं कि मैं शायरी की आवाज़ में बोलता हूं।