मुकेश साहनी की विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) आज कल उहापोह की स्थिति है। मुकेश साहनी की पार्टी को न तो भाजपा के नेतृत्व वाली NDA ने अपने पास बुलाया और न ही विपक्षी दलों का गठबंधन INDIA ने ही उन्हें अपने साथ आने को बोला। जबकि सूत्र बताते हैं कि INDIA वालों से उन्हें उम्मीद थी कि न्योता आएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
हालांकि मुकेश साहनी की इन दोनों गठबंधनों में पैठ रही है। रही है। वो पहले भाजपा के साथ रहे फिर लालू यादव की राजद में आए, यहाँ भी इनकी दाल नहीं गली तो राजद नेताओं को पीठ में छुरा भोंकने वाला बताकर मुकेश साहनी राजद से भी अलग हो गए।
मुकेश साहनी अपनी पार्टी को लेकर दोबारा से भाजपा के संग हो गए। फिर भाजपा ने जब उनके सभी विधायक को अपनी पार्टी में शामिल कर लिया तो वो फिर से भाजपा से मुहं पहला कर अलग हो गए। इसी वजह से न तो भाजपा ने मुकेश साहनी को एनडीए में आने की दावत दी न ही राजद-जदयू ने नए गठबंधन INDIA में उनकी एंट्री होने दी।
बदले हुए राजनीतिक माहौल में मुकेश सहनी अब इन दोनों गठबंधनों को अपनी ताकत बताने के लिए एक संकल्प यात्रा के नाम से बिहार, उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्य का भ्रमण करने की योजना बना रहे हैं।
मुकेश साहनी मल्लाह जाती के अपने समर्थकों को हाथ में गंगाजल देकर अपना वोट नहीं बेचने और सिर्फ और सिर्फ मुकेश साहनी की पार्टी वीआईपी के पक्ष में ही मतदान करने का संकल्प दिला रहे हैं।
मुकेश साहनी को अपने समर्थकों को कसम खिलाने की जरूरत क्यों पड़ी, इस सवाल के जवाब में वीआईपी प्रमुख कहते हैं कि हमें अपने समाज पर पूरा भरोसा है। कसम इसलिए खिलवाई गई कि राजनीतिक रूप से हमारा समाज मजबूत रहे।