उफ़्फ़ यह राजनीति जहाँ समय को देखते हुए धर्म को भी अपने अनुकूल इस्तेमाल किया जाता है। पहले भगवान् श्री राम तो अब भगवान श्री कृष्ण का बोल बाला है, यह है उत्तर प्रदेश की सियासी जंग की बिसात। राज्य में श्री राम की सियासत तो सदियों से देखी और सुनी जा रही थी, कई चुनाव इसी राजनीति के इर्द गिर्द घूमते हुए बीत गए। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के बाद यह मुद्दा अब ठंडा सा हो चला है, इसलिए राज्य की राजनीति में नए अवतार में श्री कृष्ण की सियासत परवान चढ़ने लगी है।
सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में राम मंदिर के पक्ष में फ़ैसला दिया था, उसके बाद वहाँ मंदिर बनाने का काम भी आरम्भ हो चुका है। कोर्ट के फ़ैसले के बाद अब चूँकि श्री राम की सियासत में कहने और सुनने को ज़्यादा कुछ बाक़ी रहा ही नही, इसलिए शायद अब उत्तर प्रदेश में श्री कृष्ण की एंट्री हो चुकी है।
फ़िलहाल, बीजेपी और समाजवादी पार्टी के बीच श्री कृष्ण के बीच ज़ुबानी जंग चल रही है । दोनों ही पार्टियों के नेताओं का दावा है कि उन्हें भगवन कृष्ण से सीधे निर्देश मिल रहे हैं और उनकी पार्टी उसी पर भरोसा करते हुए आगे बढ़ेगी।
उत्तर प्रदेश की सियासत में श्री कृष्ण भगवान की एंट्री ऐसे वक्त में हुई है, जब राज्य में विधान सभा चुनाव नजदीक हैं। ऐसे में हर किसी के दिमाग़ में यही सवाल उठने लगा है कि आखिर ऐसा हो क्यों रहा है। राजनीति में भगवान कृष्ण की ज़रूरत क्या है? लेकिन दोनो राजनीतिक दलों का दावा है कि कृष्ण उनके सपनो में आकर उन्हें निर्देश और सलाह दे रहे हैं। बीजेपी के राज्यसभा सांसद हरनाथ सिंह ने पहले दावा किया की कृष्ण भगवन ने उनके सपने में आकर उन्हें ज़रूरी मशवरे दिए ।
अभी नए साल 2022 की शुरुआत ही हुई थी की बीजेपी सांसद के ख़्वाबों-ख़्यालों में कृष्ण भगवान् आ गए। यानी 2 जनवरी को बीजेपी के राज्यसभा सांसद हरनाथ सिंह का बयान सामने आया जिसमें उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष, जेपी नड्डा को एक चिट्ठी लिखा, जिसमे उन्होंने लिखा की मुख्यमंत्री ने कहा है कि जहां से पार्टी चाहेगी, मैं वहां से चुनाव लड़ूंगा। वैसे तो हर विधान सभा क्षेत्र की अवाम चाहेगी की योगी आदित्यनाथ उनके यहां से चुनाव लड़ें। मैं आपसे अपील करना चाहता हूं कि ब्रज क्षेत्र की जनता चाहती है कि सीएम योगी मथुरा से चुनाव लड़ें। यह पत्र लिखने के लिए, मुझसे खुद भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है।’
सांसद हरनाथ सिंह ने बाद में भी कई मीडिया से बात करते हुए अपनी बातों को दोहराया की श्री कृष्ण ने उनके सपने में आकर खुद कहा कि योगी से कहो की मथुरा से चुनावी मैदान में उतरें। बीजेपी के सांसद की ये बातें क्या सामने आयी, की मानो, श्री कृष्ण के नाम की राजनीती राज्य में दौड़ पड़ी।
इससे पहले राज्य के उप मुख्यमंत्री, केशव प्रसाद मौर्या ने दिसंबर के आरम्भ में एक ट्वीट भी किया था। इसमें उन्होंने लिखा था , ‘अयोध्या, काशी में मंदिर बनने का काम जारी है। मथुरा की तैयारी है। बस यहीं से यूपी की सियासत में कृष्ण भगवन के नाम की एंट्री हो गई। डिप्टी सीएम ने खुद नहीं सोचा होगा कि उनका ये ट्वीट आगे कहां तक जाएगा। हर जगह उनके इस ट्वीट की चर्चा होने लगी। यहां से सियासत में श्री कृष्ण की जो धमाकेदार एंट्री हुई, वो आज भी जारी है।
डिप्टी सीएम के बाद एक-एक करके योगी कैबिनेट के कई मंत्रियों, भाजपा के नेताओं ने मथुरा में कृष्ण मंदिर बनवाने की बात कही। महीने का अंत होते-होते 30 दिसंबर को सीएम योगी ने इस पर खुद बयान दे दिया। फर्रुखाबाद में एक रैली के दौरान उन्होंने कहा की ‘हमने वादा किया था कि अयोध्या में राम मंदिर का काम शुरू होगा। अब काशी विश्वनाथ धाम भी बन रहा है। अब मथुरा-वृंदावन को कैसे छोड़ा जा सकता है? वहां भी काम शुरू हो गया है।’
डिप्टी सीएम केशव मौर्य, सीएम योगी आदित्यनाथ, राज्यसभा सांसद हरनाथ सिंह समेत भाजपा के कई नेताओं के बाद समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने भी कृष्ण भगवान का जिक्र कर दिया। तीन जनवरी को लखनऊ में मीडिया से बात करते हुए अखिलेश ने कहा, ‘रात में हमारे सपने में आए थे कृष्ण जी। कह रहे थे समाजवादी पार्टी की सरकार बनने जा रही है। एक बार नहीं आए, हर दिन आते हैं। कोई ऐसा दिन नहीं है, जब हमारे सपने में आकर यह नहीं कहें कि, आपकी सरकार बनने जा रही है।’
अब अखिलेश ने सपने में कृष्ण के आने की चर्चा क्या की, योगी आदित्यनाथ ने फिर से पलटवार कर दिया। उन्होंने अलीगढ़ में कहा, ‘आज जब मैं यहाँ आया हूं तो लखनऊ में कुछ लोगों को सपने आ रहे होंगे। कृष्ण उनसे बोल रहे होंगे कि अब तो अपनी नाकामयाबियों पर रो लो। जो काम तुम नहीं कर पाए वो बीजेपी की सरकार ने कर दिखाया।
अब मुझे ये समझ नहीं आ रहा की श्री कृष्ण अगर इन लोगों के सपनो में आ रहे हैं तो फिर वो सिर्फ इन नेताओं या इनकी राजनीतिक पार्टियों की भले की क्यों सलाह दे रहे, क्यों नहीं राज्य के विकास के कामो का कोई ज़िक्र हो रहा ? क्या कभी कोई नेता, ये दावा भी करेगा की कृष्ण भगवान ने उनके सपने में आकर उनसे राज्य की बेरोज़गारी दूर करने, राज्य की खराब स्वास्थ और क़ानून व्यवस्था को सुधारने या किसी भी अन्य विकास कार्यों को लेकर भी इन्हे कोई सलाह मश्वरा मिलेगा ?
बहुत हो गई राम और कृष्ण के नामो को इस्तेमाल करने की सियासत। हद्द हो गई इन नेताओं के बड़बोलेपन की, जो अपने मक़सद को प्राप्त करने के लिए, कृष्ण भगवान को भी अपने सपनो में आता देख लेते हैं। कोई तो हो जो कभी आम जनता की भलाई के भी सपना देख ले। ताकि उन्हें भी ऐसे ही सुन्दर और मनमोहक सपने आ सकें।
(सैयद असदर अली )