साल 2022 शुरू हो चुका है और साल के पहले महीने यानी जनवरी का आज सबसे बड़ा त्यौहार देशभर में मनाया जा रहा है। फसलों की अच्छी पैदावार के चलते भगवान और प्रकृति का आभार जताने के लिए इस दिन को त्यौहार के रूप में हर साल मनाया जाता है। लोहड़ी (Lohri 2022) के दिन लोग रात के समय एकजुट होकर आग जलाते हैं और उसमें तिल, मूंगफली, गेंहू की बाली, गुड़ और रेवड़ी आग को समर्पित करते हैं।
साथ ही ईश्वर का आभार भी प्रकट करते हैं। आज के दिन लोग एक-दूसरे से मिलते हैं और खुशियां बांटते हैं। वहीं इस दिन (Lohri 2022) पंजाब और हरियाणा में विशेष उत्सव का नजारा देखने को मिलता है। पंजाब और हरियाणा में इस दिन को बहुत ही धूम-धाम से मनाया जाता है। वहीं आज के दिन लोग आग के चारों ओर एकत्रित होकर भांगड़ा, गिद्धा करते हैं और साथ ही लोकगीत गाते हुए खुशियां मनाते हैं।
चलिए बात करते हैं इस त्यौहार से जुड़ी कुछ ऐसी रोचक बातों के बारे में जो शायद ही आप जानते होंगे
1. लोहड़ी (Lohri 2022) का त्यौहार पहले तिलोड़ी के नाम से जाना जाता था। यह शब्द तिल और गुड़ की रोड़ी शब्दों के मेल से बनाया गया था।
2. ये दिन पंजाबियों के लिए खास महत्व रखता है। जिस घर में नई शादी हुई हो या बच्चे का जन्म हुआ हो, उन्हें विशेष तौर पर बधाई दी जाती है।
3. पौराणिक मान्यता की अगर बात की जाए तो ये त्यौहार सती के त्याग के रूप में भी मनाया जाता है। कथानुसार प्रजापति दक्ष के यज्ञ की आग में कूदकर शिव की पत्नी सती ने आत्मदाह कर लिया था तो उनकी याद में यह पर्व मनाया जाता है।
4. इस दिन (Lohri 2022) फसल की कटाई और बुआई का समय शुरू होता है। लोहड़ी की आग में अग्नि देव और सूर्य देव को नई फसल के तौर पर तिल, रेवड़ी, मूंगफली, गुड़ आदि चीजें अर्पित की जाती हैं।
5. वैसाखी त्योहार की तरह लोहड़ी का सबंध भी फसल और मौसम से है। इस दिन से मूली और गन्ने की फसल बोई जाती है। इससे पहले रबी की फसल काटकर घर में रख ली जाती है। खेतों में सरसों के फूल लहराते दिखाई देते हैं।