पटना: बिहार में एनडीए गठबंधन में शामिल दल हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के अध्यक्ष जीतन राम मांझी अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में हैं। अक्सर लोगों का कहना है कि वे पब्लिसिटी के लिए इस प्रकार बढ़-चढ़ कर बयानबाज़ी करते रहते हैं। पिछले दो दिनों में भी उन्होंने सीधे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया। अपने ट्वीट में उन्होंने कहा कि यदि कोरोना वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट पर अपनी फ़ोटो छपवाने का शौक है तो कोरोनावायरस से मरने वालों के डेथ सर्टिफिकेट पर भी अपनी फ़ोटो छपवानी चाहिए।
बिहार की एक दूसरी राजनीतिक पार्टी लोजपा का कहना है कि मांझी के इस प्रकार के बयान न केवल पब्लिसिटी स्टंट है बल्कि उनके भविष्य की रणनीति का चेहरा हैं। लोजपा चिराग पासवान की पार्टी है और लोजपा की प्रदेश प्रवक्ता सुरभि ठाकुर का कहना है कि जीतन राम मांझी अपनी सहूलियत के अनुसार राजनीति करते हैं। उन्होंने अपने तंबू हर खेमे में जमाए हुए हैं और उन्हें जहां फायदा दिखता है वो वहां चले जाते हैं। अब भले ही वो 2015 में भाजपा के साथ रहने की बात हो या फिर नीतीश कुमार के साथ संबन्ध बिगड़ने पर राजद के आगे-पीछे करने की बात हो और फिर जब राजद की ओर से निकाले जाए तो एनडीए में शामिल होने की बात हो। यही नहीं एनडीए में बात न बनने से पहले तो वो ओवैसी के साथ भी मीटिंग कर रहे थे। उनकी राजनीतिक बुनियाद एक तरह से समझौते पर टिकी है, इसलिए उन्हें सोच-समझ कर किसी पर कोई टिप्पणी करनी चाहिए। सुरभि ने आगे कहा कि जिस पार्टी का समझौता ही सियासी आधार हो वह इस तरह किसी और पर सवाल खड़े करे तो अच्छा नहीं लगता है।
सुरभि ने आगे फिर कहा कि मांझी इस तरह के बयान देकर नीतीश कुमार को खुश करने की कोशिश कर रहे हैं। वो विधान परिषद में एक और पद हासिल करना चाहते हैं। लेकिन मांझी मुख्यमंत्री की सियासत को समझने में असफल हैं और उनका ये तरीका सफल नहीं होने वाला है।