चारा घोटाले (Fodder Scam) के पांचवें और अंतिम केस में रांची के डोरंडा कोषागार (Doranda Treasury) से अवैध निकासी मामले में आज रांची में सीबीआई की विशेष अदालत ने राजद (RJD ) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) को पांच साल की सजा और 60 लाख जुर्माना की सजा सुनाई है।
डोरंडा कोषागार मामले में हुई लालू को सज़ा
रांची के डोरंडा कोषागार (Doranda Treasury) से 139.35 करोड़ के गबन के मामले में सीबीआई अदालत (CBI Court) ने 15 फरवरी को राजद सुप्रीमो लालू यादव के साथ साथ 38 अन्य आरोपियों को दोषी ठहराया था।
ढलती उम्र के साथ कई गंभीर बिमारियों से जूझ रहे लालू
सीबीआई के विशेष अभियोजक बीएमपी सिंह ने बताया कि 38 दोषियों में से 35 रांची के बिरसा मुंडा जेल में बंद हैं, जबकि लालू प्रसाद यादव समेत तीन अन्य दोषी स्वास्थ्य कारणों से राजेन्द्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स), रांची में भर्ती हैं। ढलती उम्र के साथ लालू यादव किडनी, शुगर और अन्य गंभीर बिमारियों के कारण पूरी तरह अस्वस्थ्य हो चुके हैं। काफी समय तक उनका इलाज दिल्ली के एम्स (AIIMS Delhi) में भी डॉक्टरों की विशेष टीम की निगरानी में किया गया, लेकिन एक बार फिर से सज़ा सुनाये जाने के बाद लालू को रांची वापस जाकर सीबीआई कोर्ट में सर्रेंडर करना पड़ा, जिसके बाद कोर्ट ने उन्हें जेल भेजने का आदेश सुना दिया।
इस मामले में सीबीआई ने कुल 170 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था जबकि 148 आरोपियों के खिलाफ 26 सितंबर 2005 में आरोप तय किए गए थे। चारा घोटाले के चार अन्य मामलों में चौदह वर्ष तक की सजा पा चुके लालू यादव समेत 99 लोगों के खिलाफ अदालत ने सभी पक्षकारों की बहस सुनने के बाद 29 जनवरी को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
वर्ष 1996 में सामने आया था चारा घोटाला
चारा घोटाला जनवरी 1996 प्रकाश में आया था, जिसके बाद सीबीआई ने जून 1997 में तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू यादव का भी नाम एक आरोपी के तौर पर दर्ज किया था। सीबीआई ने लालू प्रसाद और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा के खिलाफ भी आरोप तय किए थे। सितंबर 2013 में निचली अदालत ने चारा घोटाले से जुड़े एक मामले में लालू प्रसाद, जगन्नाथ मिश्रा और 45 अन्य को दोषी बताते हुए रांची की जेल में भेज दिया था।
SC से मिली ज़मानत के बाद, CBI कोर्ट ने फिर दूसरे केस में लालू को सजा सुनाई थी
दिसंबर 2013 में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने लालू प्रसाद को जमानत दे दी थी, जबकि दिसंबर 2017 में सीबीआई अदालत ने एक बार फिर लालू और 15 अन्य को दोषी ठहराते हुए उन्हें रांची की बिरसा मुंडा जेल भेज दिया। वर्ष 2021 में झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) ने लालू प्रसाद को आधी से अधिक सज़ा काट लेने के आधार पर जमानत दे दी थी, लेकिन एक बार फिर आज सीबीआई कोर्ट नेअसवस्थ्य लालू यादव के खिलाफ सजा सुनाते हुए उन्हें वापस जेल भेज दिया।
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