लगभग 3 दशकों से पत्रकारिता की बेबाक, बेख़ौफ़, बहुत ही संयमित और निष्पक्ष आवाज़ कमाल ख़ान (Kamal Khan) अब इस दुनिया में नही रहे। लखनऊ में अपने घर पर आज सुबह अचानक दिल का दौरा पड़ने से “कमाल” की ख़ूबसूरत ज़बान के मालिक, टेलिविज़न दुनिया का जाना माना चेहरा, NDTV चैनल के वरिष्ठ पत्रकार, कमाल ख़ान की मौत हो गयी। 62 वर्ष के थे, टेलीविज़न दुनिया के “कमाल।”
कमाल खान ने बदलती राजनीति के कई दौर देखे और बहुत ही सहज भाषा में अपनी राजनीतिक आंखों से बेबाक लगातार उसका वर्णन करते रहे। खबर कैसी भी हो, कहा जाता था की अगर कमाल ख़ान उसकी रिपोर्टिंग कर रहे होते थे तो बड़ी दिलचस्पी से लोग उनकी बातों को सुना करते सुना करते थे। कमाल जब टेलिविज़न पर बोलते थे तो शायद ही कोई उस समय TV से दूर जा पाता होगा, ऐसी शानदार और जानदार शख़्सियत थी कमाल ख़ान की।
कहा जाता है की आज कल, चीख-पुकार-ललकार की पत्रकारिता के दौर में जब कमाल ख़ान जैसे पत्रकार की हमारे समाज और देश को ज़्यादा ज़रूरत थी, ऐसे समय में वो इस दुनिया को लिए अलविदा कह गए। कमाल के बोलने की अद्भुत्त शैली, शब्दों के खूबसूरत चयन और कई बार उनके शायराना अंदाज़ ने टेलीविज़न दुनिया में उनकी एक अलग पहचान बनाई।
कमाल अपने पीछे पत्नी रुचि और बेटे अमन को छोड़ गए। कमाल के जाने से हँसता-खिलखिलाता परिवार, सदमे गया, क्योंकि उस परिवार का हंसमुख, ज़िंदादिल मुखिया कमाल ख़ान अब परिवार से हमेशा के लिए दूर चला गया।
जिसने भी सुना, उसको कमाल की मौत की खबर पर विश्वास ही नहीं हुआ, कल रात 10 बजे तक कमाल लखनऊ से अपने चैनल लाइव रिपोर्टिंग कर रहे थे, और आज न जाने ऐसा क्या हुआ की अचानक ये इतना बड़ा हादसे पेश आया। उनके निधन पर देश के नामचीन पत्रकारों, बुद्धजीवियों और कई राजनेताओं ने दुख जताया है। ऐसे जांबाज़, ज़िंदादिल पत्रकार को ख़बर मंत्रा की भावभीनी श्रृद्धांजलि।