हिजाब (Hijab) के खिलाफ जारी प्रदर्शनों से निपटने के लिए ईरान की सरकार (Iran Government) अजब-ग़ज़ब तरीके अपना रही है। कभी तो प्रदर्शनकारियों की आंखों को निशाना बनाया जा रहा है तो कभी उन्हें डिटेन करने के लिए एंबुलेंस से अस्पताल भेजने की जगह जेल भेजा जा रहा है।
दो महीनों से ज्यादा समय से जारी ईरान के प्रदर्शनों में कई अनोखे मामले सामने आए हैं, जिसमे अब तक 500 से ज्यादा लोग अपनी आंखों की रोशनी भी गवां चुके हैं।
ईरान सरकार जितना भी प्रदर्शनों को दबाने की कोशिश कर रही है, प्रदर्शनकारी भी उतने ही उत्साहित होते जा रहे हैं। ये प्रदर्शन अब ईरान के 140 शहरों तक फैल चुका है। एक तरफ जहाँ ईरान सरकार प्रदर्शनकारियों के खिलाफ अनोखी कार्यवाई कर रही है, वहीँ प्रदर्शनकारी भी हर वो काम कर रहे हैं, जिससे की सरकार को मुहं चिढ़ाया जा सके।
सोशल मीडिया (Social Media) पर तेज़ी से वायरल हो रहे एक वीडियो (Viral Video) में बीच सड़क पर बिना हिजाब के एक लड़की अपने साथी को किस करते हुए देखी जा सकती है। ये दोनों लोग सड़क पर चल रही काफी सारी गाड़ियों से घिरे हुए देखे जा सकते हैं। माना जा रहा है कि प्रदर्शनकारियों की इस हरकत से सरकार को सीढ़ी चुनौति दी जा रही है। दरअसल ईरान में सार्वजनिक जगह पर इस तरह से किस करने पर सख्त पाबंदी है।

प्रदर्शनकारियों पर काबू पाने के लिए ईरान सरकार हर उपाय कर रही है। इसी रणनीति के तहत युवा प्रदर्शनकारियों को डराने के लिए पुलिस ने पैलेट और बुलेट गन का इस्तेमाल करना भी शुरू कर दिया है। इसमें सीधे तौर पर प्रदर्शनकारियों की आंखों को निशाना बनाया जा रहा है, नतीजतन, बीते एक माह में अब तक सैंकड़ों युवा अपनी आंखों का इलाज कराने के लिए अस्पताल में भर्ती हो चुके हैं। हद्द तो ये है की अस्पतालों में अपनी आँखों का इलाज करा रहे युवाओं को वहां बाहर खड़े सुरक्षा अधिकारी उन्हें पकड़ लेते हैं, जिसकी वजह से उनका समय पर इलाज नहीं हो पा रहा है।
ईरान की राजधानी तेहरान (Tehran) के तीन बड़े आंखों के अस्पातलों में बीते दो महीनो में अब तक पांच सौ लोग आंख से जुड़े ज़ख्मो को लेकर भर्ती किए जा चुके हैं। जबकि कुर्दिस्तान प्रोविंस में ऐसे 80 मामले सामने आए हैं। एक प्रदर्शनकारी ने मीडिया को बताया है कि जब वह अस्पताल पहुंची तो वहां लगभग दो दर्जन ऐसे लोग मौजूद थे, जिनकी आंख फोड़ी जा चुकी थी। एक आदमी को तो 52 पैलेट शॉट मारे गए थे।
युनाइटेड नेशन (United Nation) की एक रिपोर्ट के मुताबिक ईरान के प्रदर्शनों में अब तक 10 हजार लोग गिरफ्तार किये जा चुके हैं। वहीं 326 लोगों की मौत भी हो चुकी है। ईरान सरकार के प्रदर्शनकारियों से निपटने के अजूबे तरीके पर लगातार सवाल भी उठ रहे हैं। ख़बरों में बताया गया है कि ईरान की पुलिस, प्रदर्शनकारियों को काबू में करने के लिए उन्हें एंबुलेंस में बैठा कर अस्पताल के बजाय जेल पहुंचा रही है।
चश्मदीदों के मुताबिक़ प्रदर्शन के दौरान एंबुलेंस युनिवर्सिटी कैंपस में घुस कर लोगों को एंबुलेंस में डिटेन होते हुए देखा है। इसी वजह से घायल प्रदर्शनकारियों को अब इलाज कराने में भी दर लग रहा है, जिस कारण मरने वालों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इससे मेडिकल क्मयूनिटी में भी ख़ासा रोष व्याप्त है।
बिगड़ती क़ानून व्यवस्था के दौरान किस तरह कानून व्यवस्था का पालन कराया जाना चाहिए, इसको लेकर यूएन ने एक कोड ऑफ कंडक्ट बनाया है, जिसके तहत उग्र भीड़ से निपटने के लिए जब फोर्स के इस्तेमाल को टाला ना जा सके, तो इन नियमों का पालन करना होगा।
पहला -जुर्म की गंभीरता के मुताबिक जितना हो सके, अधिकारियों को उतना कम फोर्स इस्तेमाल करना चाहिए। दूसरा-प्रदर्शनकारियों को कम से कम नुकसान और चोट पहुंचाने की कोशिश होनी चाहिए। तीसरा कि किसी भी घायल व्यक्ति की जान बचाने के लिए उसे जल्द से जल्द स्वास्थ सुविधाएं दी जानी चाहिए, जबकि मौजूदा वक़्त में ईरान में इसके ठीक उलट हो रहा है। एंबुलेंस में बैठाकर लोगों को अस्पताल की बजाय जेल में बंद किया जा रहा है या उन्हें दूर सुनसान जगहों पर अकेला छोड़ा जा रहा है।