नई दिल्ली: राज्यसभा के मानसून सत्र के दौरान हुए हंगामे को लेकर जांच करवाएं जाने की बात सामने आई है। बताया जा रहा है कि इस संबंध में जांच समिति बनाई जाएगी। बता दें कि मानसून सत्र के आखिरी दिन 11 अगस्त और उससे एक दिन पहले यानी 10 अगस्त को राज्यसभा में अभूतपूर्व हंगामा हुआ था। इस दौरान कुछ सदस्य मेज़ पर चढ़ गए थे तो कुछ महिलाओं और मार्शलों के बीच धक्का-मुक्की हुई थी।
राज्यसभा में हुए इस हंगामे को लेकर सदन के नेता पीयूष गोयल ने राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू को पत्र लिखकर शिकायत की है। राज्यसभा के सचिवालय सूत्रों की माने तो पीयूष गोयल के शिकायत पत्र को लेकर जांच की जा रही है। जांच प्रक्रिया पूरी होने के बाद मामले पर उचित कार्रवाई की जाएगी। जानकारी के मुताबिक सचिवालय के पास जांच करवाने के लिए तीन विकल्प मौजूद हैं। पहला तो ये की इस मुद्दे को राज्यसभा की शिव प्रसाद शुक्ला की अध्यक्षता वाली नैतिकता समिति के हवाले कर दिया जाए। दूसरा ये कि इस मामले को उप सभापति हरिवंश की अध्यक्षता वाली विशेषाधिकार समिति को सौंपा जाए या फिर एक अलग समिति का गठन किया जाए। सूत्रों की माने तो तीसरा विकल्प चुने जाने की सर्वाधिक उम्मीद है। नई गठित समिति को एक निर्धारित समय सीमा के अंदर जांच करते हुए कार्रवाई किए जाने की सिफारिश करने का निर्देश दिया जाएगा। बता दें कि राज्यसभा में हुए हंगामे के संबंध में सदन के नेता, सरकार और सभापति वेंकैया नायडू ने भी नाराजगी जताई थी। वेंकैया नायडू जब इस हंगामे का ज़िक्र कर रहे थे तो उनका गला भर आया था। इसके अतिरिक्त सदन के समाप्त होने के बाद लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला ने वेंकैया नायडू से मुलाकात की थी। इस दौरान उन्होंने सदन में बढ़ते हंगामे को लेकर चिंता जताई थी और इस पर सख्त कार्रवाई किए जाने की बात कही थी।
गौरतलब है कि आने वाले कुछ दिनों में जांच समिति का गठन किया जा सकता है। ये समिति राज्यसभा सांसदों और कार्मिकों का पक्ष सुनेगी जिसके बाद ही कोई कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि एक महिला सांसद ने राज्यसभा सचिवालय से शिकायत की है कि मार्शलों ने उसके साथ धक्का-मुक्की की है।