नई दिल्ली: सोमवार यानी आज से संसद का मानसून सत्र शुरू हो रहा है। इस बार के सत्र में विपक्ष सरकार का घेराव करने के लिए कई बड़े मुद्दे उठाने वाला है। ऐसे में मानसून सत्र के शुरू होने से पहले ही एक ऐसा मामला सामने आया है जिसे लेकर विपक्ष मानसून सत्र में सरकार पर तीखा हमला बोलने वाला है। दरअसल अन्तर्राष्ट्रीय मीडिया का यह दावा है कि भारत में Pegasus नामक एक सॉफ्टवेयर द्वारा नेताओं, पत्रकारों और अन्य लोगों के फोन हैक किए गए थे। इस मुद्दे के सामने आने के बाद अब संसद के मानसून सत्र में काफी हंगामा हो सकता है।
इस मुद्दे को लेकर सभी विपक्षी पार्टियों ने राज्यसभा और लोकसभा में इस पर चर्चा किए जाने की मांग की है। राज्यसभा में राजद सांसद मनोज झा, सीपीआई नेता बिनॉय विश्वम, AAP सांसद संजय सिंह समेत अन्य कई सांसदों ने इसपर चर्चा की मांग की है। वहीं राहुल गांधी भी इस मुद्दे को लेकर सरकार पर तंज कसने में पीछे नहीं रहे। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि हम जानते हैं कि वो क्या पढ़ रहे हैं, आपके फोन पर सब कुछ। इन सब बातों से यह तो स्पष्ट हो गया है कि संसद के मानसून सत्र में सरकार को विपक्ष के तीखे सवालों का सामना करना होगा। बता दें कि कुछ समय पहले दुनिया के विभिन्न देशों की कई मीडिया एजेंसियों ने एक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि कई देशों की सरकार इज़रायल के स्पाइवेयर Pegasus के ज़रिए अपने देश के कुछ लोगों के फोन हैक कर रही है और उनकी निजी जानकारियां ले रही हैं। इन देशों की लिस्ट में भारत का नाम भी शामिल है। रिपोर्ट के अनुसार भारत के पत्रकार, विपक्षी नेता, मंत्री और अन्य लोगों के फ़ोन हैक किए गए हैं। इस बात के खुलासे ने भारत सरकार पर कई सवाल खड़े कर दिए है। रिपोर्ट्स की माने तो सबसे ज्यादा हैकिंग साल 2018 और 2019 में हुई है। मीडिया कंपनियां इस मुद्दे पर पूरी सीरीज़ निकालेगी और इस कड़ी में पहला नाम पत्रकारों का है।
हालांकि सरकार ने मीडिया एजेंसियों द्वारा जारी की गई रिपोर्ट और विपक्ष के सभी आरोपों को गलत करार दिया है। सरकार का कहना है कि वे किसी प्रकार की हैकिंग में शामिल नहीं रहा। सरकार के अनुसार इस प्रकार गलत खुलासे करके भारत जैसे मज़बूत लोकतांत्रिक देश की छवि को धूमिल करने की कोशिश की गई है। सरकार ने आरोपों पर जवाब देते हुए कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है और यहां सभी नागरिकों को मौलिक अधिकारों के अंतर्गत निजता का अधिकार दिया गया है और भारत इसके लिए प्रतिबद्ध भी है। वहीं हैकिंग के लिए जिस Pegasus स्पाइवेयर के इस्तेमाल की बात कही गई है वह इज़रायली कंपनी NSO ग्रुप द्वारा बनाया गया है। हैकिंग के खुलासे के बाद NSO ग्रुप ने भी इसे सिरे से खरिज किया है। NSO ग्रुप ने बयान देते हुए कहा कि जारी की गई रिपोर्ट पूरी तरह गलत है। ऐसा लग रहा है जैसे किसी अनजान स्रोत से गलत जानकारी हासिल की गई है और यह रिपोर्ट बनाई गई है। बता दें कि NSO ग्रुप रिपोर्ट जारी करने वाली मीडिया कंपनियों पर मानहानि का मुकदमा दायर करने की तैयारी कर रहा है।