वाशिंगटन: अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ पहले आईएमफ को छोड़ना चाहती थीं, लेकिन अब उन्हें प्रमोशन मिल गया है। भारतीय मूल की अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ (Gita Gopinath) को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund) का प्रथम उप प्रबंध निदेशक बनाने का फैसला किया गया है। गीता गोपीनाथ अगले वर्ष अपनी यह नई जिम्मेदारी संभालेंगी। वह तीन वर्ष से इस वैश्विक संगठन की मुख्य अर्थशास्त्री हैं। अपनी नई जिम्मेदारी के तहत वह आईएमएफ की तरफ से नीतियों और शोध कार्यों पर निगरानी रखेंगी ताकि संगठन की रिपोर्टों और अन्य प्रकाशित सामग्रियों की गुणवत्ता उच्च बनी रहे।
आईएमएफ की महानिदेशक क्रिस्टालिना जार्जिवा ने कहा है कि उन्हें इस बात की खुशी है कि गीता गोपीनाथ ने यह जिम्मेदारी संभालने की स्वीकृति दे दी है। सुश्री गोपीनाथ का मुख्य अर्थशास्त्री के पद पर तीन वर्ष का कार्यकाल अगले वर्ष जनवरी में पूरा हो रहा था और इसके बाद वह अमेरिका में पुन: अध्यापन के क्षेत्र में लौटने वाली थीं।
अपनी नई भूमिका के बारे में गीता गोपीनाथ ने कहा, पिछले 3 साल में मुझे आईएमएफ के कामकाज को करीब से देखने का अनुभव मिला है। यह देखना सुखद है कि हमारे काम का दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाओं और लोगों पर सकारात्मक असर देखने को मिला है। कोरोना महामारी से अभी हमारा पीछा नहीं छूटा है, इसलिए आईएमएफ की भूमिका और अधिक अहम हो गई है।