तिरुवनन्तपुरम: पिछले कुछ दिनों से लक्षद्वीप में लोग प्रफुल खोड़ाभाई पटेल द्वारा उठाये गए कदमों का विरोध कर रहे है। इसी संदर्भ में शनिवार को पूर्व नौकरशाहों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक खुला पत्र लिखा है। पत्र में नौकरशाहों ने अपने द्वीप की स्थितियों की ओर विशेष ध्यान देने को लेकर अपील की है। पत्र में नौकरशाहों ने प्रधानमंत्री से केंद्र शासित प्रदेशों में एक उचित विकास मॉडल सुनिश्चित किये जाने का अनुरोध किया है।
पूर्व सिविल अधिकारियों द्वारा प्रधानमंत्री को लिखे गए खुले पत्र में लक्षद्वीप की स्थितियों पर विशेष रूप से ध्यान देने की अपील की गई है। पत्र में अनुरोध किया गया है कि लक्षद्वीप के लिए एक उचित विकास मॉडल सुनिश्चित किया जाए जिसमें स्थानीय लोगों के विचार शामिल हो। दरअसल कुछ समय से लक्षद्वीप के लोग वहां के प्रशासक प्रफुल पटेल के कुछ फैसलों को एकजुट होकर विरोध कर रहे है।
बीते दिनों पटेल ने लक्षद्वीप में बीफ बेचने पर रोक लगा दी है और लोग इसका विरोध कर रहे हैं क्योंकि लक्षद्वीप की अधिकतर जनसंख्या बीफ का सेवन करती है। इसके अतिरिक्त पटेल ने पूरे लक्षद्वीप में शराब बेचने की अनुमति दी है जिससे लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है। इसी संदर्भ में पूर्व नौकरशाहों ने प्रधानमंत्री को एक खुला पत्र लिखा और लक्षद्वीप के विकास मॉडल में शिक्षा, सुरक्षा और सुशासन जैसी चीजों को जोड़े जाने का आग्रह किया है।
बता दें कि लक्षद्वीप के लोगों की परेशानी समझते हुए 2 जून को केरल के वामपंथी सांसदों ने तिरुवनंतपुरम में राजभवन के बाहर केंद्र के विरोध में प्रदर्शन किया था। उन्होंने लक्षद्वीप से प्रफुल पटेल को वापस बुलाने की मांग की थी। यही नहीं प्रदर्शन के दौरान सांसदों ने लक्षद्वीप बचाओ और प्रशासक हटाओ के नारे भी लगाए। जिसके बाद केरल विधानसभा ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया जिसमें प्रफुल पटेल को वापस बुलाने और साथ ही लक्षद्वीप के लोगों की आजीविका बचाने के लिए केंद्र सरकार से तत्काल दखलअंदाजी की अपील की थी।