नई दिल्ली: किसान आज केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ जंतर-मंतर पर प्रदर्शन शुरू करेंगे। पहले किसान यह प्रदर्शन संसद भवन के बाहर करने वाले थे लेकिन दिल्ली पुलिस ने इसकी इजाज़त नहीं दी। हालांकि दिल्ली पुलिस ने किसान संगठनों को जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने की अनुमति दे दी। लेकिन इस दौरान किसानों को कोरोना गाइडलाइंस का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया गया है। जानकारी हो कि किसान संसद के मानसून सत्र शुरू होने के पहले दिन ही संसद के बाहर प्रदर्शन करने वाले थे लेकिन इसके लिए दिल्ली पुलिस उन्हें स्वीकृति नहीं दे रही थी।
कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का यह प्रदर्शन जंतर-मंतर पर आज से शुरू हो गया है और अब यह संसद के मानसून सत्र के खत्म होने तक यानी 9 अगस्त तक जारी रहेगा। इस दौरान जंतर-मंतर पर सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था की गई है। प्रदर्शन स्थल पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है और इसके साथ ही सिंघू बॉर्डर पर भी पुलिस बलों को कड़ी नज़र है। दरअसल 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान जो हिंसा हुई उसके बाद पुलिस काफी सतर्क होकर काम कर रही है। यही नहीं 26 जनवरी के बाद पहली बार किसान संगठनों को दिल्ली में प्रवेश करने की इजाज़त दी गई है।
दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) ने एक आदेश जारी किया है जिसके तहत उपराज्यपाल और DDMA अध्यक्ष अनिल बैजल ने कहा है कि 22 जुलाई से 9 अगस्त तक किसान 11 बजे से 5 बजे तक जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर सकते हैं। इस आदेश के अनुसार किसानों को निर्दिष्ट बसों के माध्यम से निर्धारित मार्ग द्वारा पुलिस एस्कॉर्ट के तहत लाया जाएगा। इसके साथ ही कोविड उपयुक्त व्यवहार यानी कि मास्क पहनना, सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखना, नियमित रूप से हाथ धोना और सैनिटाइजर का इस्तेमाल करना होगा। इसके अतिरिक्त भारत सरकार और एनसीटी दिल्ली सरकार द्वारा समय-समय पर जारी किए गए दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन करना होगा। सूत्रों की माने तो जंतर-मंतर पर प्रदर्शन के दौरान कड़ी सुरक्षा की व्यवस्था की जाएगी। हालांकि DDMA के एक आदेश के अनुसार दिल्ली में किसी प्रकार के विरोध प्रदर्शन के लिए एक जगह इकट्ठा होने की इजाज़त नहीं है।
दूसरी तरफ खालिस्तान समर्थक गुरपतवंत सिंह पन्नू द्वारा अपील की गई है कि किसान बड़ी संख्या में दिल्ली पहुँचे। जिसके बाद दिल्ली पुलिस सतर्क हो गई है। दरअसल 25 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर रैली दौरान किसानों और दिल्ली पुलिस में बीच हिंसा हुई थी, किसानों द्वारा सारे बैरिकेड्स तोड़ दिए गए थे और प्रदर्शनकारी लाल किले तक पहुंच गए थे। उस समय बड़े पैमाने पर तोड़फोड़ और झड़प हुई थी जिसके बाद इस बार पुलिस काफी सतर्क है और किसानों को जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने की अनुमति देने से पहले ही सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम कर लिए गए हैं।