नई दिल्ली: किसान आंदोलन का नया पड़ाव शुरू हो गया है। कृषि सुधार कानूनों के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से गुरुवार को यहां जंतर-मंतर पर ‘किसान संसद’ का आयोजन किया गया जिसमें अपनी मांगे पूरी होने तक आन्दोलन जारी रखने का संकल्प व्यक्त किया गया। किसान नेता योगेन्द्र यादव ने कहा कि केन्द्र सरकार किसान विरोधी है और वह किसानों का अपमान करती है।
उन्होंने कहा कि यह किसान संगठनों का आन्दोलन है जिनमें से कुछ राजनीतिक विचारधारा भी रखते हैं। ऐसा देश में पहली बार हुआ है जब वोटर ने ह्विप जारी किया है। उन्होंने कहा कि सरकार कहती कुछ है और करती कुछ है। आन्दोलनकारी किसानों को सरकार यदि मुट्ठीभर समझती है तो उसकी निगरानी के लिए 30-40 हजार पुलिसकर्मियों को क्यों लगाया गया।
किसान संगठनों के अनुसार जबतक संसद का मॉनसून सत्र जारी रहेगा वह हर रोज़ जंतर-मंतर पर ऐसी किसान संसद लगाएंगे। सिंघु, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर से बसों में भरकर किसानों का जत्था गुरुवार की सुबह जंतर-मंतर (Jantar Mantar) पर पहुंचा। दिल्ली पुलिस ने सिर्फ 200 किसानों को जंतर-मंतर पर प्रदर्शन की अनुमति दी है। सुबह 11 से शाम 5 बजे तक ये किसान यहां पर प्रदर्शन कर सकते है।