भारत में बढ़ते कोरोना केस (Corona Case) के बीच पिछले 24 घंटों में तक़रीबन 1 लाख से ज़्यादा नए कोरोना मामले सामने आए हैं। लेकिन एक तरफ कोरोना का क़हर है और दूसरी ओर 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव (Assembly Election 2022) होने हैं। वहीं ऐसे में कोरोना काल के चलते भी चुनाव (Assembly Election 2022) कराने को लेकर चुनाव आयोग का मंथन जारी है। साथ ही केंद्रीय चुनाव आयोग आज नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल और गृह मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बैठक कर रहा है। लेकिन अब बैठक में रैलियों पर रोक लगाने को लेकर फैसला हो सकता है।
मणिपुर में रैलियों और जनसभाओं पर लगी रोक
आपको बता दें कि बैठक में लगातार बढ़ते कोरोना के मामलों के बीच चुनावों को कैसे करवाए जाऐंगे और किस तरह से वोटिंग होगी, इसको लेकर अलग-अलग पहलुओं पर चर्चा जारी है। वहीं कल चुनाव आयोग ने मणिपुर (Manipur) के अधिकारियों के साथ चुनावों (Assembly Election 2022) को कराने को लेकर बैठक की थी। इस बीच बड़ी रैलियों और जनसभाओं पर रोक लगाने को लेकर किस तरह के दिशानिर्देश जारी किए जाएं। इसको लेकर भी लगातार चर्चा जारी है और आम सहमति बनाने की कोशिश की जा रही है।
रैलियों पर उत्तराखंड हाईकोर्ट ने उठाए सवाल
भारत में मार्च तक उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में विधानसभा के चुनाव होने हैं. लेकिन आज केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण चुनाव आयोग के दफ्तर पहुंचे हैं. जहां राजेश भूषण चुनाव आयोग के अधिकारियों को कोरोना की स्थिति की जानकारी देंगे. इसके अलावा एक अहम बात ये भी है कि कोरोना काल में चुनावी रैलियों (Assembly Election 2022) पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के बाद उत्तराखंड हाईकोर्ट ने भी सवाल उठा दिए हैं.