अगले साल यानी देश अपना 74वां गणतंत्र दिवस (Republic Day) मनाएगा। इस मौके पर मुख्य अतिथि के तौर पर मिस्र (Egypt) के राष्ट्रपति अब्देल फतेह अल-सिसी (President Abdel Fattah el-Sisi) को आमंत्रित किया गया है। कोविड-19 की वजह से दो साल तक किसी देश के राष्ट्राध्यक्ष को आमंत्रित नहीं किया गया था।
2023 में भारत में गणतंत्र दिवस के अवसर पर मिस्र के राष्ट्रपति इस समारोह की शोभा बढ़ाएंगे। हमारे देश में विदेशी मेहमान ख़ासकर किसी देश के राष्ट्राध्यक्ष को बुलाने की वर्षों पुरानी परंपरा चली आ रही है रही है।

दो बार हमारे पडोसी देश पाकिस्तान (Pakistan) के नेता भी परेड के चीफ गेस्ट बन चुके हैं। जनवरी 1965 में पहली बार पकिस्तान के कृषि मंत्री राणा अब्दुल हामिद हमारे मेहमान के तौर पर भारत पधारे थे हालांकि उसके ठीक 3 महीने बाद यानी की अप्रैल 1965 में पाकिस्तान के साथ भारत की जंग छिड़ गई थी।
74 साल के इतिहास में ये पहली बार होगा जब मिस्र का कोई बड़ा नेता, भारतीय गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर भारत का दौरे पर आएगा। दरअसल भारत अरब और दक्षिण में अपनी पहुंच बढ़ाना चाहता है ीोस लिहाज़ से ये भारतीय विदेश कूटनीति के लिए एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
अरब देशों में सबसे ज्यादा आबादी वाला और दक्षिण में दूसरा सबसे बड़ा इकोनॉमी वाला देश मिस्र हमारे देश के नजरिए से सबसे बेहतर है। इस साल दोनों ही देशों ने अपने डिप्लोमैटिक रिश्ते की 75वीं सालगिरह भी मनाई है।
सितंबर में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh) के मिस्र दौरे के वक्त दोनों देशों ने जाइंट ट्रेनिंग, डिफेंस को-प्रोडक्शन और हथियारों के मेंटेनेंस के लिए एक साझा MoU पर भी हस्ताक्षर किया था। मिस्र ने भारत में बने तेजस फाइटर जेट खरीदने में भी अपनी खासी दिलचस्पी दिखाई है।

मिस्र उन 9 देशों में भी शामिल है जिन्हें भारत ने अगले वर्ष दिल्ली में होने वाले G-20 समिट के लिए भी आमंत्रित किया है। रूस-यूक्रेन जंग के बीच भी भारत मिस्र को गेहूं का निर्यात भी करता रहा है। इसके अलावा भी मिस्त्र, भारत के सबसे पुराने ट्रेडिंग पार्टनर्स में से एक है।