नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश और हरियाणा के बाद अब दिल्ली में ड्राइव थ्रू वैक्सीनेशन शुरू हो चुका है। आज से दिल्ली के द्वारका सेक्टर-14 स्थित वेगास माल में ड्राइव थ्रू वैक्सीनेशन की शुरुआत की जा रही है। अब लोग मॉल के बाहर गाड़ी में बैठे-बैठे टीकाकरण करवा सकेंगे। दिल्ली में पहली बार ड्राइव थ्रू वैक्सीनेशन इस मॉडल की शुरुआत की जा रही है। यदि यह मॉडल सफल साबित हुआ तो दिल्ली के दूसरे मॉल में भी इस मॉडल का प्रबंध किया जाएगा। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बुधवार को इस मॉडल का शुभांरभ करेंगे।
दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग ने जानकारी दी कि आकाश अस्पताल ने वेगास माल में चार टीकाकरण की साइट बनाई हैं। जिनमें से दो साइट पर 18 से 44 उम्र के लोगों का टीकाकरण होगा और दो साइट पर 45 से अधिक उम्र वाले लोग टीका लगवा सकेंगे। जानकारी के मुताबिक चारों साइट पर कोविशिल्ड टीका किया जाएगा। अस्पताल की तरफ से यहां दो प्रकार की सुविधा का प्रबंध है। एक तो लोग ड्राइव थ्रू वैक्सीनेशन के माध्यम से टीकाकरण करवा सकेंगे जिसके लिए उन्हें 1600 रुपये देने होंगे,जिसमें केवल दो रुपये पंजीकरण की फीस होगी और दूसरा मॉल के अंदर साइट पर जाकर भी लोग टीका लगवा सकते है, जिसके लिए उन्हें एक हजार रुपये जमा करने होंगे। दोनों में से किसी भी विकल्प के माध्यम से टीका लगवाने के लिए लोगों को कोविन एप पर रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य होगा।
हालांकि 31 मई तक सभी स्लॉट फिलहाल बुक हो चुके हैं। हर साइट पर प्रतिदिन अधिकतम 100 टीके लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। सरकार की नई नीति के अनुसार अगर कोई व्यक्ति अपॉइंटमेंट के बाद टीकाकरण के लिए नहीं आता है तो बिना अप्वाइंटमेंट के लोगों को वायल में बचे डोज को साइट पर पंजीकरण करने के बाद लगा दिया जाएगा। आकाश अस्पताल प्रशासन ड्राइव थ्रू वैक्सीनेशन के साथ ही द्वारका की विभिन्न सोसायटियों में टीकाकरण शिविर लगाने की योजना बना रहा है। अस्पताल को कई सोसायटी प्रबंधन की ओर से प्रस्ताव भी मिले हैं।
मणिपाल अस्पताल (द्वारका सेक्टर-6) ने सीरम इंस्टिट्यूट आफ इंडिया से कोविशिल्ड टीका खरीद लिया है और अस्पताल दफ्तरों में टीकाकरण शिविर का आयोजन भी कर रहा है। हाल ही में अस्पताल ने गुरुग्राम के एक व्यावसायिक कार्यालय में टीकाकरण शिविर का आयोजन किया था। अब अस्पताल सोसायटियों में शिविर लगाने की तैयारी कर रहा है। निजी अस्पताल भी वैक्सीनेशन ड्राइव को मजबूती प्रदान कर रहे हैं। केंद्र और दिल्ली के बीच हो रहे मतभेदों के कारण की शिविर बंद हो गए हैं।