द्रौपदी मुर्मू (Droupadi Murmu) ने आज देश की 15वीं महामहिम राष्ट्रपति (15th President of India) के तौर पर शपथ लिया। मुर्मू देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति (First Adivasi Women President) बनी है। ओडिशा (Odisha) के छोटे से शहर मयूरभंज की रहने वाली मुर्मू को एनडीए ने राष्ट्रपति पद के लिए उमीदवार बनाया था जिसमें मुर्मू का मुक़ाबला विपक्षी उमीदवार यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) से हुआ।
राष्ट्रपति के चुनाव में मुर्मू ने यशवंत सिन्हा को पराजित करते हुए भारी मतों से विजय प्राप्त की। जिसके बाद आज देश के प्रधान न्यायाधीश एन. वी. रमना (CJI NV Ramna) ने संसद के सेंट्रल हॉल में आयोजित एक समारोह में को 15वें राष्ट्रपति के रूप में द्रौपदी मुर्मू को शपथ दिलाया।
शपथ ग्रहण करने के बाद राष्ट्रपति के तौर पर अपने पहले सम्बोधन में मुर्मू ने कहा, “आज़ाद भारत में जन्मी मैं पहली राष्ट्रपति हूं, यानी वो सबसे कम उम्र की राष्ट्रपति बनी हैं। मुर्मू ने कहा कि मेरे निर्वाचन में गरीबों का आशीर्वाद शामिल है.” द्रौपदी मुर्मू ने अपने संबोधन की शुरुआत “जोहार, नमस्कार” कह कर किया।
महामहिम राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, “भारत के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर निर्वाचित करने के लिए सभी सांसदों और सभी विधानसभा सदस्यों का आभार भी व्यक्त किया। मुर्मू ने कहा कि “आपका मत देश के करोड़ों नागरिकों के विश्वास की अभिव्यक्ति है।”
उन्होंने कहा, “मुझे राष्ट्रपति के रूप में देश ने एक ऐसे महत्वपूर्ण कालखंड में चुना है जब देश अपनी आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। कुछ दिन बाद ही देश अपनी स्वाधीनता के 75 वर्ष पूरे करेगा।” मुर्मू ने कहा, “ये भी एक संयोग है कि जब देश अपनी आजादी के 50वें वर्ष का पर्व मना रहा था तभी मेरे राजनीतिक जीवन की शुरुआत हुई थी और आज आजादी के 75वें वर्ष में मुझे ये नई ज़िम्मेदारी मिली है।
नई राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, कल यानि 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस भी है, कल का दिन भारत की सेनाओं के शौर्य और संयम दोनों का प्रतीक है। राष्ट्रपति मुर्मू ने इस अवसर पर देश की सेनाओं तथा देश के समस्त नागरिकों को कारगिल विजय दिवस की अग्रिम शुभकामनाएं भी पेश किया।
नई राष्ट्रपति मुर्मू के शपथ ग्रहण समारोह में निवर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उप राष्ट्रपति वेंकय्याह नायडू, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्य न्यायधीश जस्टिस एन वी रमना, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी समेत सभी केंद्रीय मंत्री, कई राज्यों के राजयपाल और मुख्य मंत्री शामिल हुए।