नई दिल्ली: भगोड़े हीरा व्यापारी मेहुल चोकसी को भारत लाने की मुश्किलें प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। वर्तमान परिस्थितियों से इस बात का अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि मेहुल चोकसी को भारत लाने में अभी लंबा समय लगने वाला है। बता दें कि डोमिनिका कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई अभी 14 जून तक के लिए टाल दी है।
पीएनबी घोटाले के आरोपी और हीरा व्यापारी मेहुल चोकसी को भारत लाने की राह कठिन होती जा रही है। जानकारी के मुताबिक मेहुल को लाने के लिए भेजा गया विमान भी वापस आ गया है। यह विमान 28 मई को भारत से डोमिनिका भेजा गया था। इसके साथ ही सभी तैयारियों के साथ गए भारतीय अधिकारियों को भी खाली हाथ ही भारत लौटना पड़ा। इन बातों से स्पष्ट है कि मेहुल के प्रत्यर्पण में लंबा समय लगेगा।
दरअसल यह अटकलें इसलिए आ रही हैं क्योंकि मेहुल चोकसी को एंटीगुआ की नागरिकता भी प्राप्त है। पीएनबी घोटाले के बाद भारत से फरार होने से पहले ही मेहुल चोकसी ने बड़ी ही चालाकी से एंटीगुआ की नागरिकता भी हासिल कर ली थी। ऐसे में भारत की सीबीआई और ईडी टीम को डोमिनिका न्यायालय में यह साबित करना आवश्यक है कि मेहुल अब भी भारतीय नागरिक ही है और उसकी नागरिकता अभी तक समाप्त नहीं हुई है। ऐसा इसलिए क्योंकि भारत छोड़कर एंटीगुआ में बसने से पहले मेहुल चोकसी ने नागरिकता त्यागने के संदर्भ में कोई कागज़ी कार्रवाई पूरी नहीं की थी।
हालांकि भारत के पास कुछ प्रमाण ऐसे है जो यह साबित कर सकते हैं कि मेहुल चोकसी भारत का नागरिक है। भारतीय अधिकारियों के पास मेहुल का आधार कार्ड, पैन कार्ड और राशन कार्ड है जो मेहुल के भारतीय होने का सबूत देते है। इन्हीं दस्तावेजों के साथ भारतीय अधिकारी डोमिनिका भी गए थे लेकिन फिलहाल डोमिनिका कोर्ट ने मामले की सुनवाई स्थगित कर दी हैं।